Jharkhand: विधानसभा में इरफान अंसारी के बयान पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित

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रांची: कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी (Irfan Ansari) की आदिवासियों और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल पर की गयी टिप्पणी को लेकर गुरुवार को झारखंड विधानसभा के अंदर और बाहर हंगामा हुआ।

बीजेपी विधायकों ने मांग की कि कांग्रेस पार्टी और इरफान अंसारी (Irfan Ansari) अपनी अभद्र टिप्पणी के लिए आदिवासी समुदाय से माफी मांगें। इरफान अंसारी ने सदन के अंदर कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है, फिर भी अगर किसी को ठेस पहुंची है तो वे इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं। इसके बाद भी हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

क्यों हुआ विवाद

बता दें कि जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी (Irfan Ansari) ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पर उनके एक वीडियो को गलत तरीके से एडिट और क्रॉप करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि बाबूलाल आदिवासी हैं और कोई भी आदिवासी इतना तेज होता है। ऐसा कैसे हो सकता है? इरफान अंसारी का यह बयान जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, रांची से लेकर दिल्ली तक बीजेपी नेताओं ने उन पर हमला बोल दिया।

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स्पीकर ने किया मार्शल अलर्ट

इस मुद्दे पर आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर धरना दिया और कांग्रेस और इरफान अंसारी के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी के सभी विधायक वेल में पहुंच गए और कांग्रेस पार्टी शर्म करो, इरफान अंसारी (Irfan Ansari) माफी मांगो जैसे नारे लगाने लगे। पांकी क्षेत्र के भाजपा विधायक डॉ. एसबीपी मेहता ने कहा कि आदिवासी समाज के खिलाफ शर्मनाक बयान देने वाले इरफान अंसारी को सदन में कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए। वह उंगली दिखाते हुए इरफान अंसारी की ओर बढ़ने लगे। इस पर स्पीकर ने मार्शल अलर्ट दिया। उन्होंने कहा कि वह सदन के अंदर दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे।

इरफान अंसारी ने दी सफाई

इस दौरान इरफान अंसारी (Irfan Ansari) ने कहा कि वे आदिवासी समाज के हितैषी हैं। उस दिन जो कुछ भी हुआ, उसे बीजेपी के लोगों ने आगे बढ़ाया। बीजेपी के लोग ऐसे हैं जिन्होंने आदिवासियों के चेहरे पर पेशाब किया। अगर उनकी बातों से किसी को ठेस पहुंची है तो वह खेद व्यक्त करते हैं। इरफान के बयान के बाद भी हंगामा नहीं रुका तो सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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