नई दिल्लीः आपने गौर किया होगा कि कभी देर तक बैठे रहने के बाद पैरों में झनझनाहट या झुनझुनी होने लगती है और चलने पर सुई के चुभने जैसा महसूस होता है। इसी तरह कभी-कभी हाथ भी सुन्न हो जाते हैं। यह बेशक आम बात लगे, लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो तो इसका मतलब है कि अब आपको सचेत हो जाना चाहिए।
हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण ?
इन वजहों से हो सकती है झनझनाहट –
शरीर में झुनझुनी हो तो इसका कुछ मतलब जरूर होता है। कई बार एक ही पोजिशन में देर तक बैठने से यह समस्या होती है और शरीर में पोषक तत्वों की कमी से भी सुन्नपन का अहसास होता है। आइये जानते हैं इसके कारण –
रक्त संचार ठीक से न होना –
हाथ व पैरों में झनझनाहट आमतौर पर इसलिये होता है क्योंकि एक ही पोजिशन में काफी देर तक बैठे रहने से नस दब जाते हैं और वहां तक खून नहीं पहुंच पाता। जिससे शरीर के उस अंग में आॅक्सीजन की कमी हो जाती है और वहां झनझनाहट होने लगती है।
डायबिटीज के लक्षण –
अगर किसी का ब्लड शुगर लेवल अधिक रहता है तो उसके हाथ-पैर में झनझनाहट होती है। ऐसा कह सकते हैं कि झनझनाहट डायबिटीज का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
विटामिन की कमी –
शरीर में विटामिन बी व ई की कमी से भी झनझनाहट की समस्या हो सकती है। इनकी कमी से अक्सर हाथ व पैरों में चीटियां काटने जैसा महसूस होने लगता है।
चोट लगने से डैमेज –
अगर आपको हाथ या पैर में कभी चोट लगी हो और इससे नसें भी डैमेज हुई हों तो झुनझुनी महसूस हो सकती है। चोट लगने से नसों में सूजन व दर्द का अहसास हो रहा हो तो इसे नजरअंदाज न कर तुरंत डाॅक्टर के पास जाना चाहिये।
किडनी की समस्या –
शरीर के अंगों में झुनझुनी कई कारणों से हो सकती है। इसका एक कारण किडनी से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर किसी को बार-बार हाथ व पैर में झुनझुनी महसूस हो तो यह किडनी की बीमारी की तरफ भी एक इशारा है। किडनी की समस्या से नसें कमजोर होने लगती हैं। इस अवस्था में चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिये।
गर्भावस्था में झनझनाहट होना –
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों की वजह से भी महिलाओं को झुनझुनी का अहसास होता है। इसके अलावा तनाव व वजन बढ़ने से भी कई बार पैर सुन्न हो जाते हैं।
अत्यधिक शराब का सेवन नुकसानदेह –
अगर आप शराब का अधिक सेवन करते हैं तो आपके शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है। अत्यधिक शराब के सेवन से शरीर कमजोर हो जाता है और नसें भी प्रभावित होती हैं। इस कारण से भी शरीर के अंगों में सुन्नपन्न का अहसास हो सकता है।
कब जायें डाॅक्टर के पास –
हमारा शरीर काफी सेंसेटिव होता है और हमें छोटे से छोटे बदलावों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिये। हमारा शरीर हमें गंभीर बीमारियों से पहले कुछ संकेत देता है, जिन्हें हमें समझने की जरूरत होती है। झनझनाहट इनमें से एक है। अगर आपको हाथ व पैरों में लगातार चींटी के काटने जैसा महसूस होता है तो आपको डाॅक्टर से परामर्श लेना चाहिये। शरीर में विटामिन या किसी पोषक तत्व की कमी होने से आप इनसे जुड़े खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
झनझनाहट से राहत के लिये उपाय –
आप झनझनाहट से राहत पाने के लिए कुछ आसान उपायों की भी मदद ले सकते हैं। झनझनाहट महसूस होने पर उस अंग में कोई प्रेशर न दें। धीरे-धीरे नाॅर्मल होने की कोशिश करें। देर तक बैठे रहने से अगर पैरों में झुनझुनी हो तो अपना पोजिशन बदलें या धीरे-धीरे चलने की कोशिश करें। ऐसा करने से पैरों में रक्त संचरण अच्छी तरह होने लगेगा और प्रभावित स्थान पर ऑक्सीजन का प्रवाह होने से सुन्नपन ठीक हो जायेगा।
खानपान में बदलाव करें –
अगर झुनझुनी ठीक नहीं हो रही हो या आपको अक्सर झनझनाहट होती है तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है। आप अपनी डाइट में बदलाव करके देखें। झुनझुनी से राहत पाने के लिये आप अपनी डाइट में विटामिन बी व ई से युक्त भोजन को शामिल करें। जैसे विटामिन बी के लिए आप संतरा, नींबू, ब्रोकली, सोयाबीन, दूध, दही, पनीर, मछली व ओट्स व विटामिन ई के लिए आप चुकंदर का साग, कद्दू, कीवी, ब्रोकली व टमाटर का सेवन कर सकते हैं। बादाम, एवोकाडो और मूंगफली को विटामिन ई का अच्छा स्त्रोत माना जाता है, इसलिये अपने खानपान में इनको शामिल कर आप झुनझुनी की समस्या से राहत पा सकते हैं।
आराम देगा हल्दी वाला दूध –
हल्दी एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है। हल्दी का सेवन दूध के साथ करने पर कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसी तरह हल्दी दूध पीने से झुनझुनी में भी आराम मिलता है।
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दिनचर्या में शामिल करें व्यायाम –
नियमित व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है। अपनी दिनचर्या में व्यायाम या योग को शामिल करें। इससे सेहत ठीक रहेगा और हाथ व पैरों की मांसपेशियां भी दुरुस्त रहेंगी।
गर्म पानी में सिकाई –
अगर आपके पैर में झुनझुनी लग गई है और चींटी काटने जैसा महसूस हो रहा है तो आप गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक डालें और अपने पैरों को इसमें डुबो दें। इससे आपको आराम मिलेगा। वहीं, सेंधा नमक में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं जो शरीर में सूजन व दर्द की समस्या से राहत देता है। अगर आपके घर में सेंधा नमक उपलब्ध हो तो गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर पैरों की सिकाई करें।
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