बिहार क्राइम

कैदी की मौत के मामले में कठघरे में पुलिस, परिजनों ने किया सड़क जाम

पटना: नवादा जिले के शाहपुर ओपी क्षेत्र के बोझवां गांव से कथित रूप से नशे की हालत में पकड़े गए बौरही मांझी की कोर्ट परिसर में मौत को परिजनों ने गंभीर रूप से पिटाई के कारण बताते हुए व जमा गांव के पास सड़क जाम कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कैदी की मौत (prisoner's death) का सच्चाई पता लगाने के उद्देश्य लाश को पोस्टमार्टम के लिए पटना भेज दिया गया है।

कैदी की मौत (prisoner's death) के बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मची है। पेशी के लिए लाए गए शख्स ने अदालत परिसर में दम तोड़ दिया था। जिसके बाद अधिकारियों व पुलिस बल का जमावड़ा अदालत परिसर में लगा रहा। एडीजे, एसपी समेत कई अधिकारियों ने न्यायालय पहुंच कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इधर, मृतक के परिजनों ने बोझवां गांव के समीप सड़क को जाम कर दिया। परिजन मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि पेशी से पूर्व बौरही मांझी की मौत (prisoner's death) की जानकारी होते ही हड़कंप मच गया था। अधिकारी व पुलिस व्यवहार न्यायालय का चक्कर लगाते रहे। मृतक की भाभी शोभा देवी ने बताया कि शाहपुर पुलिस घर में शराब की सूचना तलाश करने आए और कहे कि आप लोग शराब बनाते हैं. जिसके बाद पूरी घर की तलाश की गई। जहां पर कुछ भी बरामद नहीं किया। अंत में हमारे देवर पुलिस पर खूब बोलना शुरू कर दिया। उसी दौरान पुलिस ने पकड़ कर अपने साथ ले गए। जिसके बाद हमारे देवर को थाना में ले जाकर जमकर पिटाई की गई। जिसके कारण उनकी हालत गंभीर हो गई। पेशाब व शौच भी नहीं कर पा रहे थे।

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कहा कि हमारे देवर का कोई गुनाह नहीं छोड़ दीजिए। लेकिन पुलिस ने सीधा पकड़कर नवादा कोर्ट ले गए। जहां पर पेशी के दौरान देवर की मौत हो गई। परिवार ने सीधा आरोप लगाया है कि पुलिस की पिटाई से ही मांझी की मौत हुई है। परिजन का आरोप है कि मौत के बाद घंटों तक पुलिस सिविल कोर्ट में शव को रखे रही और फिर पोस्टमार्टम के लिए पटना भेजा गया है। इस मामले को हत्या करार देते हुए मांझी को पीटने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने की मांग की गई है।

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