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श्रीलंका में संकट गहराया, इमरजेंसी के बीच आधी रात पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा

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नई दिल्लीः आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka) में अब गहरा राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया है। रविवार देर रात कैबिनेट के सभी सदस्यों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिन्द्रा राजपक्षे अपने पद पर बने हुए हैं। राजपक्षे कैबिनेट के सभी 26 मंत्रियों ने सामान्य पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें इस्तीफा देने की सहमति से नए कैबिनेट के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कैबिनेट से सबसे पहले इस्तीफा देने वालों में प्रधानमंत्री के बेटे नमल राजपक्षे रहे।

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बता दें कि भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) अबतक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। राशन, ईंधन और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी से जूझ रहे लोगों में भारी गुस्सा है और वे देश के विभिन्न हिस्सों में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों की नाराजगी को देखते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबायो राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात पहली अप्रैल से देश में आपातकाल की घोषणा की थी। दूसरे दिन शनिवार को सरकार ने 36 घंटे के लिए देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की।

रविवार को श्रीलंका में 36 घंटे के राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करने और सरकार विरोधी मुहिम चला रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार से उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान 664 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शनकारी देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए एक सर्वदलीय कार्यवाहक सरकार के गठन की मांग कर रहे हैं।

गैरतलब है कि देश 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यह आंशिक रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण होता है, जिसका उपयोग ईंधन आयात के भुगतान के लिए किया जाता है। आधे दिन या उससे अधिक समय तक बिजली कटौती और भोजन, दवाओं और ईंधन की कमी के साथ, जनता का गुस्सा एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।

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