रांची: रांची लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे पूर्व बीजेपी नेता रामटहल चौधरी 28 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन एक महीने भी वहां नहीं रह सके। उन्होंने शनिवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया।
कांग्रेस में झंडा ढोने नहीं आए है- रामटहल चौधरी
चौधरी ने कहा कि वह कांग्रेस में झंडा ढोने नहीं आये हैं। उन्हें आश्वासन दिया गया कि पार्टी उन्हें रांची सीट से अपना उम्मीदवार बनायेगी। लेकिन पार्टी ने वादा तोड़ कर उन्हें ऐसा उम्मीदवार बना दिया जो जमानत भी नहीं बचा सके। उन्होंने कहा कि मैं सम्मान से समझौता नहीं कर सकता।
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आपको बता दें कि कांग्रेस ने यहां पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को अपना उम्मीदवार बनाया है। तभी से चौधरी नाराज चल रहे थे। रामटहल चौधरी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली थी। तब कांग्रेस मीडिया संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा, पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सीएलपी नेता आलमगीर आलम और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय भी मौजूद थे।
कांग्रेस ज्वाइन के वक्त कही थी ये बात
उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौधरी ने कहा था कि वह कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं। इससे पहले रामटहल चौधरी ने 2019 में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें सिर्फ 29 हजार 597 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। इस सवाल पर कि क्या वह कांग्रेस छोड़ने के बाद चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह कार्यकर्ताओं से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला लेंगे।