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सीएम मोहन ने कहा- बहनें हमारी संस्कृति की रक्षक, इन्हें सरकार बना रही सशक्त

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सागरः यदि हम सोचें कि हमारा पुरुषार्थ क्या है, हमारा पराक्रम क्या है, हम किस संस्कृति से जुड़े हैं, हमारी पहचान क्या है, तो हमारा अतीत रणचंडी भवानी दुर्गा से जुड़ जाता है। जब-जब आसुरी शक्तियों ने अपना अधिकार जमाने की कोशिश की, तब-तब मां दुर्गा ने महादेव को पीछे रखकर अपनी तलवार उठाई और संस्कृति की रक्षा की। माँ दुर्गा की तरह रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंती बाई और रानी दुर्गावती जैसी वीर नारियों ने भी अपने देश और संस्कृति की रक्षा के लिए अपने दुश्मनों को हराया। इन वीर नारियों ने दिखा दिया कि बहनें अपने देश और संस्कृति की रक्षा में किसी से पीछे नहीं हैं। राज्य सरकार ने इन शहीद बहनों की स्मृति को संजोने के लिए कई कदम उठाए हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बहनों के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है।

बहनों का धागा ही हमारी ताकत

यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को भाई दूज के अवसर पर सागर के बेलहरा और गुना के बीनागंज में आयोजित नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत और भारतीय संस्कृति दुनिया के लिए एक बड़ा रहस्य और आश्चर्य है। विश्व के अन्य देशों में देश से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं पुरुषों पर ही आधारित हैं। लेकिन भारतीय संस्कृति मातृसत्तात्मक है। माँ भगवान का साक्षात रूप है, भक्ति और विश्वास की प्रतिमूर्ति है। हमने भगवान को तो नहीं देखा, लेकिन माँ को देखोगे तो भगवान अपने आप दिख जायेंगे। हम भारत के लोग पूरी पृथ्वी को माँ के रूप में देखते हैं। जिस तरह मां हमें जन्म देती है और रिश्तों से जोड़ती है, उसी तरह बहनों से भी हमें स्नेह मिलता है। हमारी बहनों द्वारा माथे पर लगाया गया तिलक और हाथों में बांधा गया धागा हमारी ताकत का आधार बनता है। यह हमें दुनिया की किसी भी ताकत से लड़ने का साहस और वीरता देता है और किसी के सामने सिर झुकाने नहीं देता। इसलिए भाई दूज पर मैं सभी बहनों को प्रणाम करता हूं।

प्रधानमंत्री बहनों की समस्याओं को समझते हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में बहनों की समस्याओं को सबसे पहले अगर किसी ने समझा है तो वह प्रधानमंत्री मोदी हैं। उन्होंने माताओं-बहनों की परेशानी को समझते हुए घर-घर में शौचालय बनवाए। करोड़ों बहनों को पक्का घर दिया, घरों में नल से जल पहुंचाया और उज्ज्वला गैस कनेक्शन देकर करोड़ों बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाई। बहनों के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री ने उन्हें लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया। यह भी पढ़ेंः-Kathmandu: नेपाल के मेयर की बेटी गोवा से लापता, छानबीन के बाद भी नही मिला कोई सुराग इसके बाद बहनों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इस देश में जहां हमारे और आपके जैसे कमल संस्कृति को मानने वाले बड़ी संख्या में लोग हैं, वहीं कीचड़ फैलाने वाले लोग भी हैं। उनके फैलाए इस कीचड़ में कमल खिलाने और बीजेपी को भारी जीत दिलाने की जिम्मेदारी भी बहनों पर है। भाई दूज के पर्व पर आप सभी लोकसभा चुनाव में कमल खिलाने का संकल्प लें। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)