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Chhattisgarh: सैकड़ों साल पुराना है राजिम के श्री रामचंद्र मंदिर का इतिहास, जानें किसने कराया था निर्माण

rajim sriram temple
रायपुर (Chhattisgarh): राजिम स्थित श्री रामचन्द्र मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। मंदिर में लगे शिलालेखों और पुरातत्व विभाग द्वारा लगाए गए सूचना बोर्ड से ज्ञात होता है कि इस मंदिर का निर्माण ग्यारहवीं शताब्दी में कल्चुरी सामंतों द्वारा कराया गया था। इस मंदिर में भगवान गणेश की नृत्य करती हुई मूर्ति है जो पुरातत्ववेत्ता के अनुसार बहुत पुरानी है जिसे पुरातत्व विभाग द्वारा विशेष संरक्षण प्राप्त है। मंदिर के गर्भगृह में पत्थर के खंभों पर उकेरी गई मूर्ति बेहद आकर्षक है जो कल्चुरी काल की संस्कृति और सभ्यता को दर्शाती है। मंदिर के द्वार पर उत्कृष्ट शिल्पियों की मूर्तियाँ हैं। राजिम का यह राम मंदिर सबसे पुराना मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर को पुरातत्व विभाग ने अपने अधीन संरक्षित कर रखा है और इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है ताकि मंदिर की प्राचीनता साफ नजर आए। यह भी पढ़ेंः-CG: श्रम मंत्री ने शुरू की श्रमिक पेंशन सहायता योजना, खातों में आएंगे इतने रुपये

कला का उत्कृष्ट उदाहरण

ज्ञात हो कि भौगोलिक निर्देशांक के अनुसार 200 57' 48'' उत्तरी अक्षांश और 810 52' 43'' पूर्वी देशांतर पर स्थित राजिम का पूर्वाभिमुख रामचन्द्र मंदिर अत्यंत प्राचीन है। मंदिर के गर्भगृह में बने पत्थर के खंभों की मूर्तिकला इस मंदिर की प्राचीनता को दर्शाती है। मंदिर के अखंड स्तंभों पर उकेरी गई देवी-देवताओं की मूर्तियों सहित कला के उत्कृष्ट उदाहरण देखे जा सकते हैं। एक शिलालेख के अनुसार यह मंदिर 8वीं और 9वीं शताब्दी का है। मंदिर के निर्माण की पुष्टि 11वीं शताब्दी में कल्चुरी सामंतों के प्रमुख जगतपाल देव ने की है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)