मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दलों में लगातार मतभेद बढ़ रहे हैं। पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने चुप्पी तोड़ी है। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि ‘लोकशाही में सभी को एक दूसरे के विरुद्ध बोलने का अधिकार है। इस तरह के आरापों व प्रत्यारोपों से महा विकास आघाड़ी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’
उल्लेखनीय है कि पिछले 2 मई को मुंबई में पुस्तक विमोचन के दौरान शरद पवार (Sharad Pawar) ने पद छोड़ने व राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। उनके इस फैसले ने सभी को चका दिया था। अब उन्होंने कार्यकर्ताओं की मांग पर अपने फैसले को वापस ले लिया है और पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। इसके बाद शिवसेना व कांग्रेस भी राकांपा पर लगातार निशाना साध रहे हैं।
कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा कि राकांपा भारतीय जनता पार्टी की बी टीम है। इसलिए राकांपा कभी भी बीजेपी के साथ जा सकती है। उनके इस आरोप के बाद शरद पवार ने कहा था कि पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) की कांग्रेस में क्या हैसियत है, उन्हें इसका आकलन करना चाहिए। इस पर पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा कि अकेले में उनके समर्थकों से पूछना चाहिए, तो वे भी इसका सही जवाब दे देंगे।
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शिवसेना ने भी शरद पवार पर निशाना साधते हुए उनकी पार्टी में उनका उत्तराधिकारी तय न कर पाने का आरोप लगाया था। साथ ही शरद पवार के इस्तीफे पर कहा कि यह राकांपा को टूटने से बचाने के लिए किया गया था। शरद पवार (Sharad Pawar) ने शिवसेना को जवाब देते हुए कहा कि राकांपा का हर पदाधिकारी हर तरह से सक्षम हैं और किसी भी पद को संभाल सकता है। इसकी चिंता शिवसेना को नहीं करनी चाहिए। शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि लोकशाही में वैचारिक स्वतंत्रता है, इसलिए इस तरह की विरोधी बयानबाजी का महाविकास आघाड़ी पर कोई असर नहीं होगा।
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