लखनऊः उत्तर प्रदेश (UP) के मुजफ्फरनगर में एक रैंप वॉक काफी चर्चा में है। दरअसल, यहां के एक जाने-माने कॉलेज में फैशन शो का आयोजन किया गया, जिसमें लड़कियों ने बुर्का पहनकर रैंप पर वॉक किया। वीडियो वायरल हुआ तो जमीयत उलेमा ने इसका कड़ा विरोध किया। जमीयत के मौलाना मुकर्रम कासमी ने इसे पूरी तरह से गलत और मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने वाला बताया है। उन्होंने साफ किया कि बुर्का किसी फैशन शो का हिस्सा नहीं है।
धर्म को बनाया गया निशाना
मौलाना ने ये भी कहा कि ये एक धर्म को निशाना बनाना है। ऐसा करके कुछ हद तक मुस्लिम समुदाय और उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, रैंप वॉक करने वाली मुस्लिम लड़कियों ने कहा कि यह एक क्रिएटिविटी और एक अलग एक्टिविटी है। इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है।
छात्रों ने कहा- ‘हमने गलत नहीं किया’
बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक करने वाली अलीना नाम की छात्रा का कहना है कि हमारे मनोज सर कहते हैं कि यहां कॉलेज में आओ और नई क्रिएटिविटी करो, जिसके चलते हम छोटी ड्रेस बना रहे थे। तब हमने सोचा कि हमारा तो मुस्लिम समाज है। आइये मुस्लिम समाज की लड़कियों के लिए कुछ नया करें। इसलिए हमने बुर्का पहनकर रैंप वॉक करने के बारे में सोचा।’ हमने कुछ भी गलत नहीं किया। हमारा मानना है कि फैशन शो में बुर्का भी लाना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे सिर्फ घर पर ही पहनें।
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वहीं रैंप वॉक का संचालन करने वाले शिक्षक मनोज ने कहा कि कहीं न कहीं मुस्लिम परिवारों में यह भावना है कि महिलाओं को आगे नहीं आना चाहिए। वहीं, हिजाब उनके लिए एक बड़ा बलिदान है। ये उनका पर्दा है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसे सिर्फ घर पर ही पहना जाए। महिलाएं भी बुर्का पहनकर बाहर घूमती हैं। तो बुर्के में रैंप पर चलने में कहां बुराई है? विदेशों में हिजाब के विशेषज्ञ डिजाइनर मौजूद हैं। इसके विज्ञापनों के लिए महिलाएं फोटोशूट भी करवाती हैं। बता दें, इस रैंप वॉक का आयोजन रविवार को किया गया था। जिसमें फिल्म एक्ट्रेस मंदाकिनी भी आई थीं।
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