लखनऊः कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रयागराज में बसवार गांव के नाविकों की नाव टूटने को लेकर काफी रोष व्यक्त किया है। उन्होंने निषादों के हक को लेकर नदी अधिकार यात्रा निकालने का ऐलान किया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर पुलिस ज्यादती के शिकार हुए प्रयागराज के बसवार गांव के नाविकों को संयुक्त रूप से 10 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। साथ ही निषादों के लिए जल्द ही नदी अधिकार यात्रा भी निकाले जाने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं प्रियंका गांधी ने बालू खनन के लिए निषादराज कोऑपरेटिव सोसायटी के गठन की मांग भी की है।
2- कांग्रेस जन निषाद समुदाय के अधिकारों के लिए नदी अधिकार यात्रा निकालेंगे।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 23, 2021
3- नदी के संसाधनों पर प्राथमिक हक निषादों का इस विचार के साथ बालू खनन के लिए निषादराज कोपरेटिव सोसायटी के गठन की माँग करते हैं।
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दरअसल 11 फरवरी को कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के अरैल घाट में संगम में स्नान किया था। उन्हें संगम तक पहुंचाने वाले निषाद समाज के नाविक ने उनसे पुलिस ज्यादती की बात बताकर बसवार आने का निमंत्रण दिया था। 21 फरवरी को प्रियंका गांधी खुद बसवार पहुंच कर पीड़ित निषाद समाज के लोगों से मुलाकात की थी। प्रियंका गांधी ने निषाद समाज के समर्थन में ट्वीट कर उन्हें आर्थिक मदद के साथ ही नदी अधिकार यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि नदी के असली दावेदार एवं रक्षक निषाद समुदाय के लोग हैं। बंसवार, प्रयागराज में यूपी पुलिस के उत्पीड़न के विरुद्ध और निषाद समाज के अधिकारों के लिए हम लड़ेंगे। कांग्रेस जिन निषाद परिवारों की नाव तोड़ी गई है, सबको संयुक्त रूप से 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगी, कांग्रेस निषाद समुदाय के अधिकारों के लिए नदी अधिकार यात्रा निकालेगी।
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नदी के संसाधनों पर प्राथमिक हक निषादों का हो इस विचार के साथ बालू खनन के लिए निषादराज कोऑपरेटिव सोसायटी के गठन की मांग करते हैं। सरकार बालू माफिया और बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा किए जा रहे अवैध खनन की जांच करे एवं श्वेत पत्र जारी कर बताए कि कहां पर किन-किन नदियों में खनन किया जा रहा है। ज्ञात हो कि प्रियंका गांधी मिशन 2022 को लेकर कांग्रेस संगठन को लगातार मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। इसी कारण वह नये कृषि कानूनों का खुला विरोध और किसानों के समर्थन में लगातार पश्चिमी यूपी में पंचायतें कर रही हैं। तो वहीं दूसरी ओर उनकी निगाहें पूर्वाचल पर भी टिकी हैं। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस अब पश्चिमी यूपी के साथ ही पूर्वाचल के निषादों को भी साधने की कवायद में जुट गई है।