लखनऊ: अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने जिलों के सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिस कप्तानों को यह निर्देश दिए हैं कि बच्चा चोरी की अफवाहों पर प्रभावी रोक लगाएं और अफवाह फैलाने वाले तत्वों को चिन्हित कर प्रभावी कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि बच्चा चोरी की किसी भी घटना की सूचना चाहे वह अफवाह हो या वास्तविक घटना हो उसपर उच्चस्तर की संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुये तत्परता पूर्वक कार्रवाई की जाए। बच्चों के गुमशुदगी हो या अपहरण के प्रकरणों पर तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर गम्भीरता पूर्वक विवेचनात्मक कार्रवाई व बरामदगी की जाए।
जनपद के समस्त पुलिस कर्मियों को इस सम्बन्ध में उच्चकोटि की संवदेनशीलता बरतने के लिए निर्देशित किया जाएं। यदि कोई भी सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। यदि सूचना असत्य है तो उसके सम्बन्ध में कार्रवाई की जाए। बच्चा चोरी की घटनाओं से सम्बन्धित अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए जनपद स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट तथा अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय गोष्ठी की जाए। समस्त गांवों तथा मोहल्लों में पीस कमेटी के सदस्यों, सिविल डिफेन्स के पदाधिकारियों, ग्राम प्रधान, सभासद तथा अन्य सम्मानित लोगों के साथ स्थानीय निवासियों की गोष्ठी कर बच्चा चोर की अफवाहों पर विश्वास न करने तथा कानून अपने हाथ में न लेने के सम्बन्ध में जागरूक किया जाये।
पुलिस के आकस्मिक सहायता नम्बर यूपी डायल-112, स्थानीय कन्ट्रोलरूम के नम्बर तथा थाने व जनपदीय अधिकारियों के सीयूजी नम्बरों के सम्बन्ध में जानकारी दी जाए। किसी अफवाह अथवा घटना के सम्बन्ध में इन नम्बरों पर तत्काल सूचित करते हुये वास्तविक स्थिति की जानकारी करने के सम्बन्ध में भी जागरूक किया जाये।
पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं पीआरवी वाहनों में उपलब्ध माइक व लाउडहेलर के माध्यम से जनता को ऐसी अफवाहों से दूर रहने व अवैधानिक गतिविधि में संलिप्त न होने की हिदायत के साथ उन्हें आश्वस्त किया जाए कि स्थानीय पुलिस उनके सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर एवं सक्षम है।
इस प्रकार की घटना कारित करने वाले भीड़ में शामिल सभी व्यक्तियों की शिनाख्त कर उनके विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनायी जाये। अफवाह फैलाने के आधार पर हिंसा की घटना पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जाए। हिसा कारित कर लोक शान्ति भंग करने वाले एवं अफवाह फैलाने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध एनएसए की कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट को समस्त तथ्यों से अवगत कराया जाए।