Tuesday, October 22, 2024
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देवी चित्रलेखा की कथा में पहुंचे मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और नंद गोपाल नंदी

Devi Chitralekha, Sultanpur: जब तुम्हें ठाकुर जी से प्रेम हो जाएगा तो तुम्हें उनकी चिंता होने लगेगी और तुम उनकी देखभाल करने लगोगे। श्रीमद्भागवत कथा स्वयं नारायण के मुख से प्रारंभ हुई, वहां से शिव जी तक पहुंची, वहां से नारद तक आई। भगवान के तीन गुण हैं-सत्य, चित् और आनंद, वह चेतन और निर्जीव जगत में चेतना रूप में विद्यमान है।

देवी चित्रलेखा (Devi Chitralekha) ने व्यक्त किए विचार

जब शरीर से ईश्वरीय तत्व निकल जाता है तो शरीर जड़ वस्तु के समान हो जाता है। संसार में जो कुछ भी दिखाई दे रहा है, भगवान के रोम-रोम में न जाने कितने ब्रह्मांड विद्यमान हैं। अपना जीवन दीन-दुखियों के हाथ में देकर तुम भारमुक्त महसूस करोगे। यह विचार अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास देवी चित्रलेखा ने सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन की कथा में व्यक्त किए।

नंद गोपाल नंदी और मयंकेश्वर शरण सिंह ने किया नमन

पूरे लेदई स्थित भाजपा नेता पंडित रामचंद्र मिश्र के आवास पर आयोजित कथा में पहुंचे सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी, मयंकेश्वर शरण सिंह, एडीजे राकेश पांडेय, राकेश तिवारी ने व्यास पीठ और भागवत जी को नमन किया। देवी जी ने सभी को वस्त्र भेंट किए। जब ​​देवी चित्रलेखा ने पीठ से सवारी सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया गीत गाना शुरू किया तो माहौल भाव विभोर हो गया और हजारों श्रोता नाचने लगे। 

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कथा में की गणमान्य लोग रहे मौजूद

यहां देवी ने बताया कि भगवान अपने भक्त को दो प्रकार से रिझाते हैं पहला अपने रूप से और दूसरा अपने स्वभाव से। वह भक्त को अपना बना लेते हैं। सूत जी द्वारा स्वर्णकादि ऋषियों को सुनाई गई महाभारत की कथा और राजा परीक्षित के जन्म की कथा सुनाई गई। यहां कलियुग आने वाला था,

कलियुग ने पृथ्वी रूपी गाय पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। राजा परीक्षित ने कलियुग को नशे में धुत्त होकर सोने में रहने की शिक्षा दी, जिसके बाद कलियुग राजा परीक्षित के स्वर्ण जड़ित मुकुट में विराजमान हो गया और राजा का अधिपति बन गया।

यहां रामचन्द्र मिश्र, अशोक अग्रवाल, सीएमओ ओपी चौधरी, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, सुभाष तिवारी, कृपाशंकर मिश्र, राम इकबाल शुक्ल, डा.कुलदीप पांडेय, राम धीरज मिश्र, महावीर श्रीवास्तव, शशिकांत तिवारी, आलोक तिवारी, राघवेंद्र द्विवेदी, राम अवध मिश्र, राम मूरत मिश्र, राम अचल मिश्र, चिरंजीव मिश्र, मनोज तिवारी, प्रदीप शुक्ल, शुभम मिश्र, सुजीत मिश्र, गोकुल प्रसाद पांडेय, महावीर प्रसाद, अमित सिंह, सुरेश यादव आदि मौजूद रहे। पंडित रामचन्द्र मिश्र ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। देर शाम व्यास पीठ की आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

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