भोपाल: वर्ष 2021 के शीत व ग्रीष्म ऋतु के आठ महीनों में 30 पश्चिमी विक्षोभ आने से ग्वालियर-चंबल संभाग का मौसम काफी प्रभावित रहा। अंचल ने बाढ, ओलावृष्टि व बिजली गिरने की घटनाएं झेली, लेकिन नए साल में भी पश्चिमी विक्षोभ मौसम को प्रभावित करेंगे। 2022 के तीन महीने जनवरी, फरवरी व मार्च में 20 से 21 पश्चिमी विक्षोभ आ सकते है। इन तीनों में मौसम में काफी उतार-चढाव देखने को मिलेंगे। रात की तुलना में दिन ज्यादा ठंड रहेंगे, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभों से बादल, कोहरा छाएगा। बारिश व ओलावृष्टि भी संभावित है। रात में न्यूनतम तापमान को नीचे नहीं गिरने देंगे। रात में ठंड सामान्य रहेगी, लेकिन नए साल में बारिश, ओलावृष्टि के आसार रहेंगे।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ:
पश्चिमी विक्षोभ भू-मध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला तूफान है। ईरान अफगानिस्तान होते हुए चक्रवातीय घेरा में आगे बढ़ता हुआ जम्मू-कश्मीर पहुंचता है। जिसे अरब सागर से नमी मिलती है। जम्मू कश्मीर से गुजरता है। पहाड़ों पर बर्फबारी होती है। राजस्थान व मध्य प्रदेश में बारिश होती है। राजस्थान के नजदीक होने से ग्वालियर चंबल का मौसम सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। यह बारिश व ठंड दोनों लाता है। इसके सक्रिय होने पर बारिश, ओलावृष्टि होती है। इसके गुजर जाने के बाद हवा का रुख उत्तरी होता है, जिससे शीतलहर चलती है। अंचल में कड़ाके की ठंड बढ़ती है।
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इस संबंध में भोपाल मौसम केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक व रडार प्रभारी वेदप्रकाश सिंह का कहना है कि वर्तमान में प्रशांत महासागर में लानिना व हिंद महासागर में आईओडी उदासीन हैं। 2022 के शीत व ग्रीष्म ऋतु के हर महीने में 6 से 7 पश्चिमी विक्षोभ संभावित है। जनवरी में बारिश संभावित है। 5 से 7 जनवरी के बीच ओलावृष्टी भी हो सकती है। दिन का तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
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