Ramgarh: न्याय यात्रा के दूसरे दिन भी राहुल गांधी का भव्य स्वागत, छात्रों ने दिए फूल

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रामगढ़ (Ramgarh): राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा दूसरे दिन भी रामगढ़ जिले में निकली। सोमवार की सुबह शहर के सिद्धू कान्हू मैदान से राहुल गांधी अपने काफिले के साथ निकले और चट्टी बाजार होते हुए गांधी चौक पहुंचे। यहां स्कूली बच्चों ने गुलाब का फूल देकर उनकी यात्रा का स्वागत किया। बच्चों को देखकर राहुल गांधी भी मंत्र मुक्त हो गए।

वे न सिर्फ गाड़ी से उतरे बल्कि अपनी जीप के बोनट पर बैठकर बच्चों के साथ तस्वीर खिंचवाई। बच्चों से बात करते-करते राहुल गांधी भी बच्चे बन गए। एक बच्चे ने तो अपने स्वेटर का बाजू उठाकर अपना डोले शोले भी उन्हें दिखाए। इस दौरान बच्चे खूब हंसे और राहुल गांधी ने भी इस मौके का खूब फायदा उठाया। कुछ स्कूली बच्चियां परंपरागत परिधान में नृत्य भी प्रस्तुत कर रही थी। राहुल गांधी ने उन बच्चों का भी हौसला बढ़ाया। गांधी चौक से सुभाष चौक की तरफ जब राहुल गांधी का काफिला बढ़ा तो वह खुद खुली जीप पर खड़े होकर लोगों का अभिवादन कर रहे थे।

फोटो खिंचवाने के लिए लगी होड़

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राहुल गांधी के साथ तस्वीर खिंचवाने के लिए युवाओं और बच्चों की भीड़ लगी रही। थाना चौक पर पहले से ही स्कूली बच्चे और युवा उनका इंतजार कर रहे थे। उनका काफिला जब वहां रुका तो आम जनों ने उन्हें घेर लिया। राहुल गांधी इस दौरान सबका अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। कुछ देर तक राहुल गांधी जब जीप से बाहर नहीं निकले तो वहां अफरा तफरी जैसा माहौल बन गया। लोगों को संभालने के लिए राहुल गांधी को जीप से उतरना पड़ा और उसके बाद वे बोनट पर बैठ गए। इस दौरान कई लोगों ने उनके साथ अपनी तस्वीरें ली।

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महात्मा गांधी व सुभाष को भूले राहुल

रामगढ़ की धरती महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस की वजह से ही ऐतिहासिक स्थल बनी है। यही वजह थी कि महात्मा गांधी का अस्थि कलश के साथ यहां उनकी समाधि बनाई गई है। देश की आजादी के लिए एक बहुत बड़ा निर्णय कांग्रेस ने इसी धरती से लिया था। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी यहां पहुंचे तो वह उस इतिहास को याद करना भूल गए। अपनी यात्रा में रामगढ़ में ना तो उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और ना ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ही पुष्प अर्पित किया। उन दोनों महान नेताओं की याद में ही गांधी चौक और सुभाष चौक यहां बनाया गया है। उन दोनों स्थलों से राहुल गांधी गुजरे तो जरूर लेकिन उन दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि दिए बगैर ही आगे बढ़ गए।

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