बेगूसरायः केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार पर मनरेगा में 1100 करोड़ रुपये बकाया के आरोप से इनकार किया है। गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार सरकार बौखलाहट में है और गरीबों के बीच भेदभाव पैदा कर रही है, सरकार भ्रम फैलाना बंद करे। बता दें कि शनिवार को बेगूसराय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा था कि केंद्र सरकार के पास मनरेगा के सामग्री मद में 1100 करोड़ बकाया है। सरकार 23 जून से मजदूरों को मजदूरी भी नहीं दे रही है। इसके बाद गिरिराज सिंह ने रविवार को उस आरोप का जोरदार खंडन किया है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र पर मनरेगा मजदूरों का एक भी रुपया बकाया नहीं है। सामग्री मद में भी 1100 करोड़ नहीं, सिर्फ 67 करोड़ बचे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री श्रवण कुमार को पता होना चाहिए कि 2006-07 से 2013-14 तक सरकार ने बिहार को सिर्फ 9649 करोड़ रुपये दिये थे। वहीं, नरेंद्र मोदी की सरकार ने 33764 करोड़ रुपये दिए हैं, तो सच बताएं। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 1369 करोड़ रुपये दिये गये हैं। पिछला बकाया 836 करोड़ दिया गया, यह नरेगा सॉफ्टवेयर पर स्पष्ट है। सामग्री कोष में 67 करोड़ रुपये बकाया है, इसलिए विभाग और नरेंद्र मोदी की सरकार को बदनाम करने की साजिश बंद करें। क्योंकि साजिश का पर्दाफाश हो चुका है।
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उन्होंने कहा कि बिहार सरकार कोई काम करने के बजाय बौखलाहट में है। हत्याएं हो रही हैं, इस पर अंकुश लगाने की बजाय लोगों को बरगलाया जा रहा है। केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों के लिए उन्नत योजना चला रही है। जिसमें 100 दिन पूरे करने वाले मजदूरों को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्हें पैसे भी दिए जाएंगे। लेकिन बिहार सरकार मजदूरों को गांव में स्थायी रोजगार नहीं देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में शासन और प्रशासन की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। जिससे लोगों की सेहत को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। यह देखना निराशाजनक है कि कुछ लोग अपनी आजीविका सुरक्षित करने के लिए भ्रामक रणनीति का सहारा ले रहे हैं। इन मुद्दों को संबोधित करना और एक स्थिर और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है जो वास्तव में लोगों की जरूरतों को पूरा करता है।
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