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गिरिराज सिंह ने की किसानों से चर्चा, बताए नए अधिक लाभ कमाने के उपाय

खण्डवाः केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह ने खंडवा जिले में किसानों को कम लागत में अधिक लाभ कमाने के उपाय बताए। उन्होंने किसान से कहा कि तालाब के आसपास सुरजना के भी वृक्ष लगाएं जाएं, ताकि उससे भी आपको आय प्राप्त होगी। उन्होंने टिशू कल्चर की खेती को बढ़ावा देने के लिए कम खेती वाले किसानों से मुर्गी पालन, पशुपालन भी करने के लिए सुझाव दिया। उन्होंने उद्यानिकी खेती पर भी जोर देते हुए कहा कि फलदार पौधे लगाकर भी अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है।

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने मप्र प्रवास के दूसरे दिन शुक्रवार को खंडवा जिले के कोठी गांव में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्थानीय निवासी जीवन पुत्र गंगाराम के 10 लाख 70 हजार रुपये से निर्मित तालाब का निरीक्षण भी किया। किसान अपने तालाब में मछली पालन कर रहा है।

इस मौके पर बड़वाह के किसान लक्ष्मण ने केन्द्रीय मंत्री सिंह को बताया कि वह नर्सरी में टिशू कल्चर लेब से केले, सुरजना आदि का बीज तैयार कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने किसानों से कहा कि टिशू कल्चर की खेती पर जोर दिया जाए और इनको स्वसहायता समूह को भी जोड़ा जाए, ताकि स्वसहायता समूह की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने ग्राम भोगांवा में किसान रविन्द्र पुत्र कोमल सिंह के खेत में जैविक खेती व प्राकृतिक खेती तथा किसान द्वारा ली जा रही सीताफल, अमरूद, निम्बू की खेती का भी निरीक्षण किया।

निरीक्षण में वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सांसद ज्ञानेश्वर पाटील, विधायक नारायण पटेल, कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, जिला पंचायत सीईओ नंदा भलावे कुशरे सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे। इससे पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंह ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर पूजना अर्चना की।

ओंकारेश्वर में स्वसहायता समूह की महिलाओं से की चर्चा

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को ओंकारेश्वर में ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला स्वसहायता समूहों से चर्चा की। उन्होंने स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया, जिसमें बांस से बनी हुई सजावटी एवं घरेलू सामग्री क्रय हेतु रखी गई थी। स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित आजीविका रूद्राक्ष कैफे का भी अवलोकन किया और ग्रामीण महिला स्वसहायता समूहों से चर्चा भी की। उन्होंने जैविक खेती पर कार्य करने वाली महिलाओं से भी चर्चा की।

केन्द्रीय मंत्री सिंह ने स्वसहायता समूह की महिलाओं को बताया कि आप जो कार्य कर रही हैं, उसमें कम से कम प्रत्येक महिला को 8-10 हजार रुपये प्रतिमाह आमदनी होना चाहिए, इसके लिए उनको पशुपालन और मुर्गी पालन का कार्य प्रारंभ करना होगा। उन्होंने कहा कि एक एकड़ खेती में किसान की आमदनी दो लाख से पांच लाख तक करने की हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग से प्रशिक्षण लेकर कार्य करने पर जोर दिया।

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