नई दिल्लीः दिल्ली एक्साइज घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दो आरोपियों को सरकारी गवाह बनने की इजाजत मिल गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी है। अदालत ने उसे सरकारी गवाह बनने की अनुमति देने के साथ ही उसके अपराध माफ कर दिये।
दिनेश अरोड़ा सीबीआई से जुड़े दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले में सरकारी गवाह भी बन गए हैं। दोनों आरोपी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर हैं। दोनों को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले अरबिंदो फार्मा के निदेशक शरत रेड्डी सरकारी गवाह बने थे। 4 मई को ईडी ने इस मामले में चौथी चार्जशीट दाखिल की थी। चौथी चार्जशीट में मनीष सिसौदिया को आरोपी बनाया गया है। 1 मई को कोर्ट ने ईडी की ओर से दाखिल तीसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी ने 6 अप्रैल को तीसरी चार्जशीट दाखिल की थी।
ईडी ने 7 फरवरी को गौतम मल्होत्रा, 8 फरवरी को राजेश जोशी और 10 फरवरी को राघव मगुंटा को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा है कि करीब 2.5 करोड़ रुपये पहले अमित अरोड़ा और फिर दिनेश अरोड़ा को दिए गए। आख़िरकार यह रकम आप नेताओं को दे दी गई। ईडी के मुताबिक, राजेश जोशी ने आम आदमी पार्टी का कैंपेन चलाने के लिए 77 लाख रुपये लिए थे। राजेश जोशी एक विज्ञापन कंपनी के प्रमुख थे।
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दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने 6 जनवरी को दूसरी चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में 12 को आरोपी बनाया गया है। इनमें 5 व्यक्तियों और 7 कंपनियों के नाम शामिल हैं। ईडी ने चार्जशीट में विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, शरद चंद्र रेड्डी, विनय बाबू और अमित अरोड़ा को आरोपी बनाया है। इससे पहले कोर्ट ने 20 दिसंबर 2022 को ईडी की तरफ से दाखिल की गई पहली चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी ने पहली चार्जशीट 26 नवंबर 2022 को कोर्ट में दाखिल की थी।
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