रांची: बलात्कार पीड़िता 19 वर्षीया नेत्रहीन युवती का गर्भपात कराने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। युवती को 28 हफ्ते का गर्भ है। उसने सुरक्षित गर्भपात कराने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रांची के मेडिकल कॉलेज रिम्स के प्रबंधन को इसके लिए मेडिकल बोर्ड गठित कर इस बाबत रिपोर्ट देने को कहा था।
आज रिम्स के मेडिकल बोर्ड ने अदालत को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि सुरक्षित गर्भपात संभव नहीं है। ऐसे में अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह रिम्स और पीड़ित युवती के अधिवक्ताओं से मशवरा कर यह बताये कि अब इस मामले में क्या किया जा सकता है? अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई कल यानी 14 सितंबर को होगी।
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राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि युवती के रामगढ़ स्थित महिला आश्रय में रहने की व्यवस्था की जायेगी। बता दें कि आदिवासी समुदाय से आने वाली पीड़िता रांची के नगड़ी की रहने वाली है। उसके पिता रिक्शा चालक हैं। उसकी मां का निधन हो गया है। उसके पिता जब अपने काम पर गए थे, तब घर में अकेली पाकर किसी ने उसके साथ रेप किया। इस वजह से उसे 28 महीने का गर्भ है। दुखद यह कि उसका 2018 में भी रेप हुआ था। इससे संबंधित मामला निचली अदालत में चल रहा है। दूसरी बार रेप की घटना इसी साल हुई।
बीते दिनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसकी मेडिकल जांच कराई गई थी, जिसमें उसे 28 सप्ताह का गर्भ बताया गया है। वह गरीबी रेखा से नीचे आती है। उसके घर में न तो बिजली व्यवस्था है और न गैस की व्यवस्था है। इलाज के लिए उसके पास पैसे भी नहीं है। ऐसे में उसने अदालत में याचिका दायर कर सुरक्षित गर्भपात कराने और जीवन यापन की उचित व्यवस्था की मांग की है।
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