लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक बार फिर सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर चकबंदी से जुड़े मामलों के निस्तारण में देरी, लापरवाही, अनियमितता बरतने पर दो चकबंदी अधिकारियों समेत चार लोगों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई समेत कई के खिलाफ आरोप पत्र जारी किए गए हैं।
कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर महराजगंज के ग्राम बैठवलिया में प्रारंभिक चकबंदी योजना तैयार करने में अनियमितता बरतने पर सहायक चकबंदी अधिकारी अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उप संचालक चकबंदी को अनियमितताएं सुधारने और लंबित निरीक्षणों को ग्राम अदालत के माध्यम से शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी तरह बांदा के ग्राम सिलेहटा में अनियमितता बरतने पर चकबंदी अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इस गांव में अनियमितताओं के लिए पूर्व में निलंबित किए गए सहायक चकबंदी अधिकारी अरुण नारायण सिंह के विरुद्ध अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने तथा तत्कालीन चकबंदी अधिकारी कामता प्रसाद, वर्तमान में सहायक चकबंदी अधिकारी को अनियमितताओं के लिए निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। साथ ही इस गांव में अनियमितताओं के लिए पूर्व में निलंबित किए गए चकबंदी लेखपाल विकास सिंह के विरुद्ध अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए।
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इन पर भी गिरी गाज
इसी प्रकार, चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप (जो पहले से निलंबित थे) के विरुद्ध अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए। मुजफ्फरनगर के बंदोबस्त अधिकारी निलंबित चकबंदी आयुक्त ने बताया कि बिजनौर में चल रही चकबंदी में अनियमितताओं की शिकायत विभिन्न गांवों के किसानों ने की थी। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद निदेशालय स्तर पर कमेटी गठित कर जांच कराई गई। जांच में चकबंदी के दौरान अनियमितताओं की शिकायत सही पाए जाने पर तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी विजय कुमार, वर्तमान में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी मुजफ्फरनगर को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। साथ ही अनियमितताओं को दूर करने के लिए उप संचालक चकबंदी को निर्देशित किया गया।
इसके अलावा गोंडा के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी देवेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमों का निस्तारण न करने और शिथिल पर्यवेक्षण के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने उनके साथ संबद्ध मिर्जापुर के चकबंदी लेखपाल राजेंद्र कुमार यादव द्वारा अनियमितताओं की शिकायत की थी। इस पर तत्काल प्रभाव से संबद्धता समाप्त कर दी गई और लेखपाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए मिर्जापुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी को निर्देशित किया गया।
इनके खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश
जिलाधिकारी आजमगढ़ की रिपोर्ट के आधार पर चकबंदी कार्यों में शिथिल पर्यवेक्षण और कार्य में शिथिलता के दोषी चकबंदी अधिकारी (सेवानिवृत्त) शैल राजीव कमल, सहायक चकबंदी अधिकारी (सेवानिवृत्त) मोहन लाल श्रीवास्तव, राधेश्याम वर्मा, चक्रधर त्रिगुणायत और जैनेंद्र प्रताप के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। मुजफ्फरनगर में चकबंदी कार्य में अनियमितताओं के संबंध में तत्कालीन चकबंदी अधिकारी वीरेंद्र प्रकाश वर्तमान में सहायक चकबंदी अधिकारी के विरुद्ध पिछले दस वर्षों से चल रही जांच रिपोर्ट निदेशालय को प्रस्तुत न करने पर जांच अधिकारी उप संचालक चकबंदी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।