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अल्पसंख्यकों को साधने की तैयारी में बीजेपी, बंगाल में शुरू करेगी ये विशेष अभियान

कोलकाता: लोकसभा 2024 चुनाव में 42 में से 18 सीटें जीतने के लक्ष्य को बरकरार रखना भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। इसे पूरा करने के लिए अब प्रदेश भाजपा ने यहां के अल्पसंख्यक वोटरों को साधने की तैयारी शुरू कर दी है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बयानबाजी बंद करने और जनसंपर्क बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब पार्टी द्वारा पश्चिम बंगाल में सद्भावना यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें पार्टी के केंद्रीय नेता भी शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी 30% मुस्लिम आबादी है जो राज्य में सत्ता की दिशा तय करती है। पश्चिम बंगाल की 13 लोकसभा सीटे, जहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, वहां पार्टी 'सौहरदा यात्रा' का आयोजन करेगी।

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता जमाल सिद्दीकी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश के 60 लोकसभा क्षेत्रों में स्नेह मिलन यात्रा निकाली जाएगी। पश्चिम बंगाल में इसे सौहर्द यात्रा का नाम दिया गया है। इसके तहत न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि ईसाई और अन्य समुदायों के शिक्षित, प्रतिष्ठित लोगों जैसे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और समाज के सभी सम्मानित लोगों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके साथ पार्टी के नेता असंगठित क्षेत्र के किसानों, मजदूरों सहित उन लोगों से भी संपर्क करेंगे जो आज तक वंचित रहे हैं।

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सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी के नाम पर मुसलमानों को हमेशा डरा कर रखा जाता है जबकि उनका आर्थिक और सामाजिक विकास कभी नहीं किया गया। आजादी के आठ दशक होने को हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय आज भी अशिक्षित, गरीब और पिछड़ा हुआ है। क्योंकि इनका इस्तेमाल दूसरी राजनीतिक पार्टियां सिर्फ वोट बैंक के लिए करती थीं। उनके लिए बड़े-बड़े वादे किए गए, धार्मिक कट्टरता की बातें की गईं और उन्हें अशिक्षित और पिछड़ा रखा गया। जबकि पिछले 10 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुस्लिमों के साथ-साथ अन्य समुदायों के लिए भी ऐसी ही और कई मामलों में विशेष योजनाएँ चलाई हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय का न केवल शैक्षिक बल्कि आर्थिक रूप से सामाजिक रूप से भी काफी विकास हुआ है।

यह संदेश उन लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जहां भी बीजेपी की सरकार है, वहां ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग सुरक्षित हैं और विकास कर रहे हैं। इसलिए उनके मन से भ्रम को दूर करना होगा। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी की नीति हिंदी हिंदू हिंदुस्तान है और इससे देश भर में अल्पसंख्यक समुदाय डरा हुआ है। अब उन्हें सौहर्द यात्रा के नाम पर बरगलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह समुदाय उनके झांसे में आने वाला नहीं है।

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