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World Homeopathy Day: यूपी में आयुष विश्वविद्यालय खुलने से होम्योपैथी को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊः उत्तर प्रदेश में होम्योपैथी का उच्चस्तरीय ढ़ांचा उपलब्ध है। प्रदेश में नौ राजकीय होम्योपैथ कालेज और चार प्राईवेट होम्योपैथ कालेज है। अब होम्योपैथ कालेजों के अस्पतालों में भी उच्चस्तरीय जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा प्रदेश में होम्योपैथी के 1575 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं। उत्तर प्रदेश में 40 हजार होम्योपैथिक चिकित्सक पंजीकृत हैं। वहीं 1586 चिकित्सक सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। विगत वर्षों में आयुष मंत्रालय के गठन के बाद से विशेषकर उत्तर प्रदेश में होम्योपैथी के विकास को गति मिली है। सरकार राष्ट्रीय आयुष मिशन के द्वारा जहां जनता को होम्योपैथी की सुविधाएं पहुंचा रही है।

वहीं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रदेश सरकार आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण करा रही है। यूपी में आयुष विश्वविद्यायल के शुरू हो जाने से होम्योपैथ, आयुर्वेद, यूनानी व सिद्धा से जुड़े सभी डिग्री यहीं से ही मिलने लगेंगी। अभी तक आगरा विश्वविद्यालय से इन विधाओं की डिग्री मिलती थी। आयुष विश्वविद्यालय के शुरू हो जाने से अब होम्योपैथ से जुड़े कोर्स जैसे बीएचएमएस और एमडी होम्योपैथी की डिग्री यहीं से मिलनी शुरू हो जायेगी। यह अपने आप में होम्योपैथी के लिए बड़ी उपलब्धि है। गोरखपुर में बनने वाले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2023 पूरा हो जायेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 अगस्त, 2021 को महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। भारत में बनने वाला देश का यह दूसरा आयुष विश्वविद्यालय है। अभी तक जयपुर को छोड़कर किसी प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय नहीं है।

प्रदेश में 50 बेड के नौ वेलनेस सेन्टर क्रियाशील
आयुष की विधा से जुड़े चिकित्सालयों की मरम्मत व नवीनीकरण के लिए राज्य आयुष सोसाइटी का गठन किया गया है। इसके तहत प्रदेश में 11 वेलनेस सेन्टर खोलने की योजना हैं। इनमें से 50 बेड के नौ आयुष वेलनेस सेन्टर क्रियाशील हो चुके हैं। इन वेलनेस सेन्टर में आयुष विधा से जुड़े जैसे होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी व सिद्धा के चिकित्सक एक स्थान पर अपनी सेवा दे रहे हैं।

होम्योपैथ में शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता
होम्योपैथ चिकित्सक डा. आशीष वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में शोध के क्षेत्र में बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सरकार को होम्यापैथिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार कर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमोें में होम्योपैथी को पर्याप्त अवसर प्रदान कर गांवो के स्वास्थ्य की कमान आयुष चिकित्सकों को सौपकर लोगों की सेहत सुधारी जा सकती है।

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होम्योपैथ में 80 प्रतिशत बीमारियों का इलाज संभव

वरिष्ठ होम्योपैथ चिकित्सक डा. निशांत श्रीवास्तव ने बताया कि सर्जरी को छोड़कर 80 प्रतिशत बीमारियों का इलाज होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति से संभव है। आज दुनिया भर में होम्योपैथी से लोग इलाज करा रहे हैं। एलोपैथ के बाद सबसे अधिक मरीज होम्योपैथ से ही इलाज कराते हैं। होम्योपैथी केवल रोगों का उपचार ही नहीं करती बल्कि रोगों से बचाव में भी पूरी तरह कारगर है। होम्योपैथी रोग को जड़ से समाप्त करने की क्षमता के साथ ही इसका शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। होम्योपैथिक दवाइयों से उपचार एलोपैथी की तुलना मे अपेक्षाकृत कम खर्चीला है और लोगों की पहुंच में है। यही कारण है कि आज होम्योपैथी केवल बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि प्रदेश के छोटे-छोटे कस्बों में भी अपनायी जा रही है।

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