कानपुरः सिख विरोधी दंगों की जांच कर रही एसआईटी टीम अब तक कुल आठ मुकदमों की जांच पूरी कर चुकी है। अब तक लगभग सभी आरोपित जेल जा चुके हैं। अधिक उम्र और बीमारी से पीड़ित समेत चार लोगों की गिरफ्तारी अब शेष रह गई है। हालांकि दंगा मामले में अभी चालीस आरोपितों की गिरफ्तारी शेष रह गई है। जांच अभी भी जारी है। सिख विरोधी दंगों के आठ केसों के सभी आरोपी जेल पहुंच चुके हैं। सभी में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। तीन केसों के आरोपियों की धरपकड़ जारी है। एसआईटी सितंबर के अंत तक बचे हुए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी करने के प्रयास में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि कानपुर में 30 अक्टूबर वर्ष 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद देश में हुए सिख विरोधी दंगे के दौरान कुछ सिख परिवार पूरी तरह समाप्त हो गए। इसी क्रम में कानपुर शहर में भी सिख विरोधी दंगे हुए। जिसमें कानपुर में 127 सिखों की जान चली गई थी। मामले को लेकर योगी सरकार ने दंगों की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया। जिसके बाद मृत सिखों के परिजनों को न्याय पाने की आस जगी। लगभग साढ़े तीन वर्ष से एसआईटी जांच कर रही है।
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एसआईटी डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि सिख विरोधी दंगे के कुल 11 मुकदमों की जांच की गई है,जिसमें कुल 96 आरोपितों की पहचान की गई थी। इसमें 22 आरोपितों की पहले ही मौत हो चुकी थी। इस तरह कुल 74 आरोपितों की गिरफ्तारी होनी थी। अब तक कुल 34 आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं। इसमें से एक की मौत हो गई और शेष 33 आरोपित जेल से सम्बद्ध हैं। अन्य मामलों में कुल 40 आरोपितों की गिरफ्तारी होनी है। अबतक हुई जांच में आठ मुकदमों की जांच समाप्त हो चुकी है। समाप्त हो चुके मुकदमों की चार्टशीट न्यायालय में भेजा जा चुका है। जिन आठ मुकदमों की विवेचना पूरी हो चुकी है उसमें चार ऐसे आरोपित मिले हैं। किसी की उम्र इतनी अधिक हो चुकी है कि उन्हें मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए गिरफ्तार करना उचित नहीं है और एक तो जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। जिन आठ मुकदमों की विवेचना पूरी हुई है, उसमें गोविंद नगर में दर्ज मुकदमा नंबर 404/84, 333/84, 413/84, 484/84, पनकी थाने में 188ए/84, थाना किदवई नगर के 574/84 व 368/84 के अलावा अर्मापुर के 111ए/84 में कार्रवाई पूरी हो चुकी है।
शेष 40 आरोपितों की तलाश जारी
एसआईटी टीम अन्य दर्ज मुकदमों के शेष आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए तलाश कर रही है। वांछित आरोपितों में से कुछ के वारंट भी जारी किए जा चुके हैं। उनकी धरपकड़ के लिए संदिग्ध स्थानों पर भी दबिश दी जा रही है। टीम अतिशीघ्र सभी मामलों की जांच पूरी कर लेगी।
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