कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय इस सप्ताह कोलकाता में धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष रोकथाम अदालत के समक्ष पश्चिम बंगाल में कथित करोड़ों रुपये के नगरपालिका भर्ती घोटाले में प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) प्रस्तुत करने की संभावना है। जबकि ईसीआईआर जांच में ईडी की आधिकारिक प्रविष्टि की शुरुआत को चिह्नित करेगा, वही रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मुख्य अभियुक्त और निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयान सिल के खिलाफ ठोस दस्तावेजी सबूत भी देगी।
इस बीच सूत्रों ने कहा कि CBI, जिसे हाल ही में मामले में समानांतर जांच शुरू करने के लिए कोलकाता होई कोर्ट से हरी झंडी मिली है। पूछताछ के लिए सिल को हिरासत में लेने के लिए एक विशेष पीएमएलए अदालत में भी आवेदन कर सकती है। वास्तव में ईडी के अधिकारियों ने ही पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में इसी प्रकार के नियुक्ति घोटाले की एजेंसी की जांच के सिलसिले में इस साल मार्च में उनके घर पर छापेमारी व तलाशई अभियान के दौरान नगर निगम नियुक्ति घोटाले में सिल की संलिप्तता का खुलासा किया था। प्रारंभ में, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने नगरपालिका भर्ती घोटाले की केंद्रीय एजेंसी से जांच की अनुमति दी। हालांकि राज्य सरकार ने न्यायामूर्ति गंगोपाध्याय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने मामले को वापस कलकत्ता हाई कोर्ट भेज दिया है। जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मामले में केंद्रीय एजेंसियों की जांच पर पिछले आदेश को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अमृत सिन्हा से संपर्क किया था। हालांकि, 12 मई को, न्यायमूर्ति सिन्हा ने केंद्रीय एजेंसी जांच के लिए हरी झंडी दे दी। इस बीच, पश्चिम बंगाल के नगरपालिका मामलों व शहरी विकास के प्रभारी मंत्री, राज्य में सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं के नोडल विभाग प्रभारी ने एक प्रक्रिया को स्वीकार किया जहां कुछ नगर पालिकाओं ने एक आउटसोर्स एजेंसी के मध्यम से भर्ती की गई थी।
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