पटनाः बिहार विधानसभा में विपक्ष और सत्तापक्ष में नोंकझोंक होना आम बात है, लेकिन सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लखीसराय के एक मामले को लेकर आपा खो दिया। मुख्यमंत्री ने आसन की ओर इशारा कर यहां तक कह दिया कि संविधान का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह सदन नहीं चलेगा। इस पर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी कहा कि आप ही बोलिए, जैसे आप कहेंगे, वैसे ही चलेगी।
लखीसराय के एक मामले पर विधानसभा में आए दिन हो रहे हंगामे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक ही मामले को रोज-रोज उठाने का कोई मतलब नहीं। हम उसपर जरूर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला विशेषाधिकार समिति को दिया गया है, जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उसपर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध के मामले में रिपोर्ट कोर्ट में जाता है। उन्होंने आक्रामक तेवर में कहा ऐसा मत करिए जो चीज जिसका अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है, तो बातचीत की जाएगी।
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विधानसभा अध्यक्ष सिन्हा ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मामला है है। जब भी क्षेत्र में जाता हूं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी की बात नहीं कह पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आप हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं। आपलोगों ने ही मुझे यहां बैठाया है। उल्लेखनीय है कि लखीसराय के डीएसपी और दो थाना प्रभारी पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगा है। भाजपा और राजद के विधायक इसे लेकर हंगामा करते रहे हैं।
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