शिमला (Himachal Pradesh): हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटक पर्यटन निगम के होटलों में क्यूआर कोड के जरिए भुगतान कर सकेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल भवन, हिमाचल सदन और विभिन्न विभागों के विश्राम गृहों सहित पर्यटन निगम के होटलों में क्यूआर कोड आधारित ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल आने वाले पर्यटकों को आरामदायक और यादगार अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने पर्यटन विभाग से पर्यटकों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में और सुधार सुनिश्चित करने को भी कहा। मुख्यमंत्री सोमवार को शिमला में प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
30 और 31 जनवरी को लगेगी लोक अदालत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रथम राजस्व लोक अदालत के माध्यम से अब तक 65,000 से अधिक इंतकाल मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इनमें से 11420 इंतकाल मामले और 1217 तकसीम मामले इस साल 4 और 5 जनवरी को आयोजित तीसरी राजस्व लोक अदालत में निपटाए गए। उन्होंने कहा कि अगली राजस्व लोक अदालत 30 और 31 जनवरी को आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लंबित राजस्व प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, जिससे राजस्व लोक अदालतों को लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को उनके घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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स्वरोजगार के लिए पेश की ई-टैक्सी परमिट
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना का पहला चरण शुरू किया है, जिसमें राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ई-टैक्सी परमिट की पेशकश की गई है। उन्होंने राज्य के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किये जा रहे ई-चार्जिंग स्टेशनों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के स्वच्छ पर्यावरण को संरक्षित करने और 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
युवाओं को वित्तीय सहायता दे रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में युवाओं को स्वरोजगार उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसके तहत युवा 100 किलोवाट, 200 किलोवाट और 500 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगा सकेंगे। योजना के तहत लाभार्थी को सुरक्षा जमा के रूप में केवल 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा जबकि 70 प्रतिशत बैंक ऋण सुविधा सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी और 30 प्रतिशत इक्विटी भी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। उन्होंने इस स्टार्ट-अप योजना के तहत किसानों को न्यूनतम आय उपलब्ध कराने की योजना बनाने के भी निर्देश दिये।
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