प्रयागराज: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों का अभिनंदन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित शिक्षकों की भूमिका विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर एमपी तिवारी, पूर्व विभागाध्यक्ष विधि विभाग इलाहाबाद पीजी कॉलेज प्रयागराज रहे। कुलपति प्रोफ़ेसर सीमा सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
पूर्व राष्ट्रपति और प्रकांड विद्वान एवं शिक्षाविद डॉ एस राधाकृष्णन की जयंती तथा शिक्षक पर्व के उपलक्ष्य में युवा मन के विकास एवं राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में इस कार्यक्रम का आयोजन मानविकी विद्या शाखा के तत्वाधान में आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर एमपी तिवारी, पूर्व विभागाध्यक्ष, विधि विभाग, इलाहाबाद पीजी कॉलेज ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थी शिक्षण का जीवन बहुत महत्वपूर्ण है। एक ऐसा ताना-बाना है जो जीवन में मार्गदर्शन देता है। उन्होंने शिक्षार्थी और शिक्षक के आपसी संबंधों उदारता और मानवता के लक्ष्य के साथ ही नई शिक्षा नीति के संदर्भ में विस्तार पूर्वक चर्चा की। अध्यापन की बारीकियों को और जीवन की तकनीकी और वर्तमान चुनौतियों को जोड़ते हुए शिक्षा नीति को एक सार्थक पहल बताया।
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अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने गुरु की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। योग्य गुरु हमेशा शिष्यों को मार्गदर्शन देता रहता है। सीखना सिखाना जीवन पर्यंत प्रक्रिया है। जीवन के हर मोड़ पर कोई न कोई गुरु आपको मार्गदर्शन और हौसला देता रहता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि शिक्षक को अपने शिक्षार्थी के जीवन में हमेशा नवीनता एवं ज्ञान के साथ-साथ मानवीय मूल्यों का सृजन भी करना चाहिए। शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति कौशल और तकनीक पर आधारित है। यह निश्चय ही शिक्षार्थियों को भविष्य में रोजगार परक और अनुभवजन्य शिक्षा देने में कारगर सिद्ध होगी। कार्यक्रम के संयोजक मानविकी विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया तथा विषय की जानकारी दी। संचालन डॉ अब्दुल रहमान तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर विनोद कुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक एवं शिक्षक गण आदि उपस्थित रहे।
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