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आपस में भिड़ गए शिंदे गुट के मंत्री और विधायक, सीएम ने समझाकर शांत कराया मामला

मुंबईः शुक्रवार को विधानसभा के गलियारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) गुट के शिवसेना विधायक और मंत्री आपस में भिड़ गए। मंत्री शिंदे गुट के अन्य मंत्रियों और विधायकों ने दोनों को समझा-बुझाकर मामला सुलझाया। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भिड़ रहे मंत्री और विधायक से बातचीत की और दोनों को समझाया। इस मामले को लेकर विधान परिषद में सदस्यों ने हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से शांत हुआ मामला

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के आखिरी दिन कर्जत विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेंद्र थोर्वे अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर विधानसभा के गलियारे में मंत्री दादा भुसे से बात कर रहे थे, लेकिन इसी बीच दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट की आ गई। मौके पर मौजूद मंत्री शंभुराजे देसाई, विधायक भरत गोगावले और प्रताप सरनाईक ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दादा भुसे और महेंद्र थोरवे को बुलाया और उन्हें आपस में विवाद न करने और थोरवे का काम तुरंत करने की हिदायत दी। बाद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।

जांच की मांग

विधायक प्रताप सरनाईक ने पत्रकारों को बताया कि महेंद्र थोरवे पहली बार विधायक बने हैं, जबकि दादा भुसे कई बार निर्वाचित वरिष्ठ विधायक और मंत्री हैं। महेंद्र थोर्वे ने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर आक्रामक तरीके से अपनी बात रखी है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया और दोनों को समझाया। एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने विधानसभा में मंत्री और विधायक के बीच हुई मारपीट की जांच की मांग की है। पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में गैंगवार महाराष्ट्र विधानमंडल तक पहुंच गया है। इसकी जांच होनी चाहिए और सारी जानकारी सदन को दी जानी चाहिए। यह भी पढ़ेंः-लोकसभा चुनावः हरियाणा में बीजेपी ने बनाई रणनीति, घोषित किए मंडल अध्यक्ष विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। सदन को इस बात की जानकारी मिलनी चाहिए कि इस विधायक और मंत्री के बीच झगड़ा क्यों हुआ। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा, जिस पर विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)