जयपुरः राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) को घर में घुसकर गोली मारने वाले दोनों बदमाश अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। जांच में पता चला है कि जयपुर में वारदात को अंजाम देने के बाद ये अपराधी दिल्ली के रास्ते हरियाणा की सीमा में दाखिल हुए और अब वहीं फरार हैं। पुलिस उसकी तलाश हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली में भी कर रही है।
हरियाणा से ही कनेक्शन क्यों ?
पुलिस जांच में पता चला है कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की साजिश बेहद शातिराना तरीके से रची गई थी और न सिर्फ हत्या बल्कि हत्या के बाद अपराधियों के भागने की योजना भी पहले से तय थी। दूसरी अहम बात यह है कि चाहे राजस्थान में किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की साजिश हो या वारदात के बाद बदमाशों के फरार होने का मामला, दोनों ही स्थितियों में बदमाशों का हरियाणा से कोई न कोई कनेक्शन सामने आ ही जाता है।
गोगामेड़ी हत्याकांड से पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसकी साजिश या तो हरियाणा में रची गई या फिर बदमाशों ने भागने के लिए हरियाणा में अपने नेटवर्क का इस्तेमाल किया। कई बार पड़ोसी राज्यों में वारदात करने के बाद बदमाश राजस्थान का रुख कर लेते हैं और यहां से भाग निकलते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए यह दोहरी चुनौती है।
ऐसे रची भागने की साजिश
गोगामेड़ी की हत्या के साजिशकर्ताओं ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए न सिर्फ पूरी योजना तैयार की थी। दरअसल, घटना के बाद हत्यारों को पुलिस से बचाते हुए रास्ते से हटाने की पूरी तैयारी थी। मास्टर माइंड का ध्यान इस बात पर भी था कि घटना के बाद शूटर पुलिस की पकड़ में न आए। वारदात के बाद बदमाश बस से डीडवाना गए, जहां से कार किराए पर लेकर सुजानगढ़ पहुंचे। वहां से बस से पहले दिल्ली और फिर हरियाणा के हिसार में प्रवेश किया। जयपुर में सख्त नाकाबंदी के बावजूद दोनों बदमाश स्कूटी और ऑटो से दो सौ फीट बाइपास पहुंचे और डीडवाना के लिए बस पकड़ी।
गोगामेड़ी हत्याकांड में पुलिस ने 5 दिसंबर को घटना वाले दिन ही दोनों शूटरों की पहचान कर ली थी। इनमें से एक जयपुर के झोटवाड़ा का रहने वाला रोहित राठौड़ है, जो मूल रूप से मकराना के पास जूसरी गांव का रहने वाला है। दूसरा शूटर हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला नितिन फौजी है। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि नितिन फौजी की एक माह पहले हरियाणा के अकोदा थाना पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद वह भागने के लिए राजस्थान आ गया। यहां रोहित गोदारा गैंग के बदमाशों ने उसे भागने में मदद की। इसी दौरान उन्होंने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की साजिश में हिस्सा लिया।
अपराधियों के पास मजबूत नेटवर्क
यह पहली बार नहीं है कि राजस्थान में वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी बचने के लिए हरियाणा की ओर भागे हों। इससे पहले भी कई वारदातों को अंजाम देकर बदमाश हरियाणा का रुख कर चुके हैं। आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर से पहले पुलिस ने उसके दो भाइयों को हरियाणा के हिसार से हिरासत में लिया था। नासिर-जुनैद हत्याकांड का आरोपी मोनू मानेसर भी लंबे समय तक हरियाणा में रहकर पुलिस को चकमा देता रहा। राजू ठेहट की हत्या में शामिल बदमाशों के तार हरियाणा से भी जुड़े होने का खुलासा हुआ।
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इसके अलावा भी हरियाणा में कई आपराधिक घटनाओं में शामिल अपराधियों के फरार होने की जानकारी सामने आती रही है। भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान के सात जिले हरियाणा के सात जिलों के साथ राज्य की सीमा साझा करते हैं। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़ ऐसे जिले हैं जो राजस्थान के हनुमानगढ़, झुंझुनू, चुरू, सीकर, जयपुर, अलवर और भरतपुर के साथ अंतरराज्यीय सीमा साझा करते हैं। ऐसे में दोनों तरफ के अपराधियों के पास सीमा पार एक मजबूत नेटवर्क है, जिसका इस्तेमाल वे आपराधिक वारदातों को अंजाम देने और भागने में करते हैं।
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