Monsoon Update: अगले 24 घंटों में केरल में दस्तक देगा मानसून ! मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

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Monsoon Update: उत्तर भारत में इस समय गर्मी अपने चरम पर है। कई राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही। कई प्रदेशों में तापमान 43-44 डिग्री को पार कर गया है। दिन में धूप इतनी तीखी होती है कि सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। अब सभी की नजर मानसून पर टिकी हुई है। ऐसे राहत की बात ये है कि अगले 24 घंटे में मानसून (Monsoon Update) केरल में दस्तक दे सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण अरब सागर के अन्य इलाकों में मानसून (Monsoon Update) के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले 24 घंटे में मानसून पूरे लक्षद्वीप, दक्षिण पश्चिम, मध्य और बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्व इलाकों की ओर बढ़ सकता है. गौरतलब है कि विभाग ने इससे पहले 04 जून को मानसून के आगमन का पूर्वानुमान जारी किया था।

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आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून हर साल 1 जून के आसपास केरल में दस्तक देता है। एक जून से 7 दिन पहले या 7 दिन बाद आना सामान्य बात है। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण अरब सागर के अन्य इलाकों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए भी परिस्थितियां अनुकूल हैं। अगले 24 घंटों में मॉनसून के पूरे लक्षद्वीप, दक्षिण-पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है। अगले 2 दिनों में यह पूर्वोत्तर राज्यों की ओर भी बढ़ सकता है।

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चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ की चेतावनी जारी

इस बीच, गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के अगले 12 घंटों में ‘अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान’ में तब्दील होने की संभावना है। अरब सागर में, इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और फिर अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। मछुआरों के अरब सागर में जाने पर रोक लगा दी गई है।

झारखंड-बिहार में अभी चलेगी लू

मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों तक बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लू की स्थिति की भविष्यवाणी की है। हीट वेव की स्थिति तब होती है जब अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

दरअसल भारत में कृषि की दृष्टि से मानसून (Monsoon) का बहुत महत्व है। देश में खरीफ की फसलें केवल बारिश पर निर्भर करती हैं। भारत में तीन फसलें होती हैं- जायद, रबी और खरीफ। जून-जुलाई में बोई जाने वाली तथा अक्टूबर-नवम्बर में काटी जाने वाली फसलें खरीफ फसलें कहलाती हैं। उनके लिए मानसून का होना बहुत महत्वपूर्ण है। जो अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती हैं और जो जनवरी से मार्च तक तैयार हो जाती हैं, रबी फसल कहलाती हैं। रबी और खरीफ के बीच जो फसल तैयार होती है उसे जायद कहते हैं।

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