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PM मोदी ने Mann Ki Baat में कहा- वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ मनाएं होली का त्योहार

Mann-Ki-Baat नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए पूरे देश को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्राम का आज 98वां कार्यक्रम था। इस दौरान पीएम मोदी ने टेली मेडिकल सेवा प्रदान करने वाली ऐप ई-संजीवनी का जिक्र किया। इसे डिजिटल इंडिया की ताकत बताते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह जीवन रक्षा ऐप बन रही है। पीएम मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 98वें संस्करण में कि ई-संजीवनी के माध्यम से स्वास्थ्य परामर्श पाने वालों का आंकड़ा 10 करोड़ को भी पार कर चुका है। कोरोना काल में यह ऐप वरदान साबित हुई थी। पीएम ने ई-संजीवनी ऐप का इस्तेमाल करने वाले डॉ और मरीज से भी संवाद किया और जाना की यह ऐप कैसे लोगों के जीवन को बदल रहा है। बता दें कि डिजिटल इंडिया की शक्ति का जिक्र करते हुए पीएम ने हाल ही में भारत के यूपीई और सिंगापुर के पेनाउ की क्रास बॉर्डर कनेक्टवीटि ऐप के बारे में भी बताया। इसके माध्यम से दोनों देशों के लोग आपस में सस्ती दरों पर सुलभ पैसे ट्रांस्फर कर सकते हैं। ये भी पढ़ें..शराब घोटाला : मनीष सिसोदिया के सामने CBI ने रखे कई सबूत, मास्टमाइंड होने का भी आरोप प्रधानमंत्री ने एक बार फिर स्वच्छ भारत में योगदान देने वालों के काम की तारीफ की। उन्होंने हरियाणा के भिवानी में युवाओं द्वारा 'कचरे से धन' के प्रयासों का उदाहरण दिया, जो स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, और ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक स्वयं सहायता समूह कमला मोहराना। उन्होंने प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैले अपनाने की अपील की और कहा कि यह संकल्प हमें संतोष देगा और दूसरों को प्रेरणा देगा। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने लोगों को होली की शुभकामनाएं देते हुए 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र पर स्वदेशी सामान खरीदने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के योगदान से देश की ताकत बढ़ती है। उन्हें खुशी है कि कार्यक्रम के माध्यम से की गई जनभागीदारी की अपील में लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। खेल, खिलौने और कहानी सुनाने की उनकी अपील में देश भर के लोगों ने भाग लिया। सरदार पटेल की जयंती पर उन्होंने गीत, लोरी और रंगोली प्रतियोगिता का जिक्र किया था. इस दौरान उन्होंने प्रतियोगिता के विजेताओं की जानकारी दी और लोगों को उनकी प्रतिभा से रूबरू कराया। उन्होंने कहा, नागरिकों ने 'मन की बात' को जनभागीदारी की अभिव्यक्ति के रूप में एक अद्भुत मंच बनाया है। प्रधानमंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के प्रयासों का जिक्र करते हुए पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के बांसबेरिया में आयोजित त्रिवेणी कुंभ का उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया कि इस 'मोहोत्सव' की परंपरा को 700 साल बाद पुनर्जीवित किया गया है। इसकी शुरुआत दो साल पहले स्थानीय प्रयासों से हुई थी, जिसका उल्लेख साहित्य और ऐतिहासिक दस्तावेजों में मिलता है। पिछले साल भी यहां कुंभ मेले का आयोजन किया गया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)