लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को शांति के उपासक भगवान बुद्ध की जयंती धूमधाम से मनाई गई। शहर के परिवर्तन चौक, रिसालदार पार्क समेत बौद्ध मठ समेत अन्य जगहों पर कई कार्यक्रम हुए। इस अवसर पर बच्चों ने भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर लघु नाटिका भी प्रस्तुत की।
भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था, इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा को भगवान बुद्ध को जोड़कर इसे त्रिविध पावनी पूर्णिमा भी कहते हैं। शहर के परिवर्तन चौक पर भारतीय बौद्ध समाज एवं बौद्ध अम्बेडकर सामाजिक समिति द्वारा आयोजित जयंती समारोह में भिक्खु प्रज्ञासर ने कहा कि इसी दिन सिद्धार्थ गौतम, जो बाद में बुद्ध बने, का जन्म लुंबिनी में हुआ था। इसी दिन उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उन्होंने 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए इस तिथि को त्रिविधा पावनी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
इससे पहले बौद्ध भिक्षु ने बुद्ध की प्रतिमा के पास दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता निरंजन प्रसाद बौध ने की। इस अवसर पर फेयर वे मांटेसरी स्कूल के विद्यार्थियों ने भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित लघु नाटिका प्रस्तुत की। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। कार्यक्रम में भिक्खु कल्याण मित्र, भिक्खु सुमनरत्न, भंते मंगलरत्न, भंते दीपांकर व उपासक ओम प्रकाश बौद्ध सहित अन्य श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
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कार्यक्रम के अंत में भिक्खु संधा के नेतृत्व में जलती मोमबत्तियां लेकर लोगों ने कतारबद्ध होकर पांच बार चौक की परिक्रमा की और बुद्ध शरणं गच्छामि, धम्म शरणं गच्छामि, संधं शरणं गच्छामि का जाप किया। इसके अलावा रिसालदार पार्क स्थित बौद्ध मठ में भी कार्यक्रम हुए। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
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