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Birthday Special: शादी से पहले प्रेग्नेंट हो गई थीं कोंकणा सेन, फिर ऐसे बदली उनकी जिंदगी

मुंबईः तितली और पेज 3 जैसी बहुचर्चित फिल्मों से मशहूर हुईं अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा आज अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं। वह हिंदी और बांग्ला फिल्मों के अलावा टीवी धारावाहिक और वेब सीरीज में सक्रिय हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बांग्ला है। अभिनय की दुनिया में फिल्म 'इंदिरा' से बाल कलाकार के रूप में कदम रखने वालीं कोंकणा हर तरह की भूमिका को जीवंत रखने का माद्दा रखती हैं। इसे उन्होंने साबित किया है। 3 दिसम्बर, 1979 को दिल्ली में जन्मी कोंकणा की मां अपर्णा सेन ख्यातिलब्ध अभिनेत्री हैं। कोंकणा के पिता मुकुल शर्मा पत्रकार और विज्ञान लेखक हैं। उनके नाना चिदानंद दासगुप्ता फिल्म आलोचक, लेखक और कलकत्ता फिल्म सोसाइटी के सह संस्थापक हैं। कोंकणा की स्वर्गीय दादी सुप्रिया दासगुप्ता प्रख्यात आधुनिक बंगाली कवि जीबन आनंद दास की चचेरी बहन हैं। कोंकणा ने 2010 में रणवीर शोरे से शादी की। दोनों के एक बेटा हारुन सेन शौरी है। दिल्ली के सेंट स्टीफेन कॉलेज से स्नातक कोंकणा मुख्यधारा के सिनेमा से इतर भूमिकाओं के लिए अधिक जानी जाती हैं।

फिल्म 'आजा नच ले' के सेट पर एक्टर रणवीर शौरी से कोंकणा की मुलाकात हुई। जहां दोनों को प्यार हो गया और इनके अफेयर के चर्चे भी शुरू हो गए। रणवीर शौरी से अफेयर के बीच ही कोंकणा प्रेग्नेंट हो गईं। जिसके बाद दोनों ने शादी का फैसला लिया और 2010 में दोनों ने जल्दबाजी में शादी रचा ली। इसके कुछ महीने बाद ही एक्ट्रेस ने अपने बेटे हारून को जन्म दिया। लेकिन, कोंकणा और रणवीर शौरी की शादी लंबे समय तक नहीं चल पाई।

कोंकणा सेन साल 2000 में बंगाली फिल्म 'एक जे आछे कन्या' से सुर्खियों में आईं। इसमें उन्हें प्रभावशाली नकारात्मक भूमिका के रूप में पहचान मिली। भाषाई दीवार को तोड़ते हुए हिंदी सिनेमा में धमाका करने वालीं कोंकणा के लिए साल 2002 शानदार साबित हुआ। उनकी 'मिस्टर ऐंड मिसेज अय्यर' फिल्म बाजार के लिहाज से भले ही ज्यादा शोहरत न हासिल कर पाई पर आलोचकों की तारीफ से चर्चा के केंद्र में आई। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसके बाद कोंकणा ने अपनी मां अपर्णा सेन के निर्देशन में बनी फिल्म '15 पार्क एवेन्यू' में विक्षिप्त युवती की भूमिका को जीवंत किया। 2005 में उनके हिस्से में 'पेज थ्री' आई।

मधुर भंडारकर के निर्देशन में बनी 'पेज थ्री' में कोंकणा पत्रकार की भूमिका में प्रभाव छोड़ने में सफल रहीं। 'पेज थ्री' से वह राष्ट्रीय फलक पर चमकीं। उनकी झोली में दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार आया। फिल्म 'ओंकारा' में ठेठ गंवई भूमिका में अपनी भूमिका के साथ न्याय करती नजर आईं। 'ओंकारा' की इस भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के राष्ट्रीय और फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

बेहद आम नैन-नक्श वाली कोंकणा के लिए 'लाइफ इन ए मेट्रो' टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। इसने मुख्यधारा के सिनेमा के दरवाजे खोल दिए। वह यशराज बैनर की 'लागा चुनरी में दाग' और 'आजा नचले' में बड़े सितारों के बीच अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहीं। प्रदप सरकार निर्देशित 'लागा चुनरी में दाग' बनारस की पृष्ठभूमि पर केंद्रित दो बहनों की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है।

इस साल सितम्बर में नेटफ्लिक्स पर रिलीज एकता कपूर की फिल्म 'डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे' में कोंकणा नजर आ चुकी हैं। इसमें भूमि पेडनेकर भी हैं। इस फिल्म का निर्देशन अलंकृता श्रीवास्तव ने किया है। यह फिल्म छोटे शहरों की दो बहनों की ख्वाहिशों को पाने की कशमकश के ताने-बाने पर है।

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'कादम्बरी' को वाशिंगटन डीसी में सितम्बर 2015 में आयोजित साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और कोंकणा सेन शर्मा ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सुमन घोष निर्देशित 'कादम्बरी' कवि रबींद्रनाथ टैगोर और उनकी भाभी कादम्बरी देवी के कथित विवादस्पद संबंधों पर आधारित है। मगर वह रितुपर्णो घोष की चर्चित फिल्म 'तितली' को कभी नहीं भूलना चाहतीं। वह इसमें चरित्र अभिनेत्री के रूप में नकारात्मक भूमिका में अपनी मां अपर्णा सेन और मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ नजर आई थीं।