जालौनः एक ओर जहां सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ मौरंग खनन को लेकर लगातार सख्त निर्देश दे रहे हैं। तो वही दूसरी ओर यूपी के जालौन में कुछ अलग ही नजारे देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कड़े निदेश के बावजूद जिले में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। जबकि प्रशासन मौन बना हुआ है। दरअसल जालौन में जैसे ही बारिश खत्म होती है, वैसे ही मौरंग खनन माफियाओं का खेल शुरू हो जाता है।
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इन खनन माफियाओं को न तो यूपी की योगी सरकार डर है और न ही जालौन प्रशासन का। क्योंकि कहीं ना कहीं इसमें जालौन प्रशासन की भी मिली भगत साफ नजर आती है। अब सावल यह उठता है कि अगर जिला प्रशासन की मिली भगत न हो तो इन खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद कैसे हो सकते हैं। इतना ही नहीं इस अवैध खनन में कहीं न कहीं जालौन के खनिज विभाग की भी कुछ साठगांठ हो सकती है।
बता दें कि मामला जालौन के पतरेहठा खंड संख्या 5 का है, जहां पर NGT व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम खनन माफिया धज्जियां उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं अवैध खनन कार्य में आधा दर्जन से अधिक प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों का भी प्रयोग किया जा रहा है। जबकि बेतवा नदी में जलधारा के साथ छेड़छाड़ कर बड़े पैमाने पर गहरे गड्ढे कर दिए गए हैं जिससे बेतवा नदी की जलधारा भी प्रभावित हो रही है। अब सवाल यह भी उठता है कि सुबे के मुखियां योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का जालौन प्रशासन कितना पालन करा पाता है या फिर वह निर्देश ही निर्देश बनकर रह जाता है। फिलहाल इस पूरे मामले में जालौन प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
(रिपोर्ट- मयंक राजपूत, जालौन- यूपी)
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