लखनऊः कोरोना महामारी के प्रकोप ने महिलाओं को काफी जिम्मेदार बना दिया है। जब अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने लगी, तभी तमाम जागरूक महिलाओं ने इसके रास्ते तलाशने तेज कर दिए थे। इसके लिए घरों में वह पौधे चुन-चुनकर लगाए जा रहे हैं, जिनसे ऑक्सीजन भरपूर मिलती है। इसके अलावा स्वस्थ रहने के लिए हरी और पौष्टिक सब्जियां भी खूब उगा रही हैं।
शहर में तमाम अस्पतालों में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी महसूस की गई थी। इस दौरान लाॅकडाउन भी लगा था, तो लोगों ने इसका फायदा भी लिया। कृष्णानगर में कई महिलाएं प्रकृति की सहचरी यानी प्रकृति की सहेली बन गई हैं। यह महिलाएं प्रकृति को स्वस्थ रखने के लिए पौधे लगा रही हैं। दो कमरे के मकान में थोड़ी सी जगह पर क्यारी भी बनाई गई है। ऐसे कई घर हैं, जहां पर साग-सब्जी का बंदोबस्त किया जा रहा है। यहां महिलाओं ने ही आगे बढ़कर इनडोर और आउटडोर प्लांट लगाए हैं। इन पौधों से घर के अंदर ही ऑक्सीजन प्लांट तैयार हैं।
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कृष्णानगर निवासी आरती द्विवेदी एमए व बीएड कर चुकी हैं और पेशे से ब्यूटीशियन भी हैं। उन्होंने कोरोनाकाल में कई हजार मास्क तैयार कर महामारी से बचने के रास्ते भी सुझाए। अब इन्होंने अपने घर की छत पर तमाम पौधे लगा रखे हैं। यह प्रकृति की रक्षा में काफी मददगार हैं।
आरती का कहना है कि उनके घर की छत पर खाने के लिए कई तरह की सब्जियां तैयार हो जाती हैं। इसके लिए वह एक घंटे का समय रोज निकालती हैं। इससे खाली समय का उपयोग भी हो जाता है और ताजी सब्जियां भी मिल जाती हैं। आरती का कहना है कि उनको देखकर कई महिलाएं भी ऐसा प्रयास कर रही हैं। बताया कि उनके संपर्क में जो भी होता है, वह महंगाई कम करने के लिए भी पौधे और सब्जी लगाने का सुझाव देती हैं।
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