नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही है, लेकिन अब स्पष्ट हो चुका है कि उसका यह नारा कितना खोखला है।
विपक्षी दलों ने भाजपा पर साधा निशाना
विपक्षी दलों भाजपा पर हमला करते हुए कहा जब केंद्र सरकार में मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता ही चुनाव लड़ने से इंकार कर रहे हैं, तो लोकसभा चुनाव में पार्टी को कितने सीटें हासिल होंगी इसको आसानी से समझा जा सकता है। निर्मला सीतारमण के इस बयान पर सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात और डीएमके नेता सरवनन अन्नादुराई ने भाजपा पर निशाना साधा है।
वित्त मंत्री ने कहा- चुनाव लड़ने लायक मेरे पास पैसे नहीं
निर्मला सीतारमण ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि ” पार्टी के अध्यक्ष ने उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था और दक्षिण में आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु की किसी सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। लेकिन उन्होंने दस दिनों तक इस बारे में सोचने के बाद चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
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निर्मला ने कहा कि चुनाव लड़ने लायक मेरे पास पैसे नहीं हैं। मेरे साथ एक और समस्या यह भी है कि आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु में चुनाव जीतने के मानदंडों पर मैं खरी नहीं उतरती हूं। इसमें जीत के लिए किसी ख़ास समुदाय, किसी ख़ास धर्म का समीकरण भी जरूरी होता है, जिसमें मैं फिट नहीं बैठती हूं। इसीलिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है।
8,000 करोड़ का चुनावी बॉन्ड का पैसा किसके पास ?
वहीं निर्मला सीतारमण का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने संबंधी बयान सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने उनको माध्यम बनाकर भाजपा को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इस मामले में सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात ने कहा, जब देश की वित्त मंत्री मैदान छोड़कर भाग रही हैं तो इससे स्पष्ट होता है कि 400 पार का नारा कितना खोखला है। अगर वित्त मंत्री कह रही हैं कि पैसे नहीं है तो 8,000 करोड़ का चुनावी बॉन्ड का पैसा किसके पास जा रहा है?
डीएमके के प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने गुरुवार को कहा कि चुनाव लड़ने के लिए पैसे की नहीं, बल्कि लोगों के समर्थन की जरूरत होती है। शायद वित्त मंत्री कमजोर कारण बताकर चुनाव लड़ने से भाग रही हैं। चुनाव लड़ने के लिए आपको पैसे की जरूरत नहीं है, आपको लोगों के समर्थन की जरूरत है, जो उनके पास नहीं है। यह भी कहा कि वित्त मंत्री को लोगों से मिली नाराजगी का एहसास हो गया है।
इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। सरवनन अन्नादुरई ने यह भी कहा कि भाजपा के पास 6,000 करोड़ रुपये हैं। भाजपा ने 8250 करोड़ रुपये चंदे के रूप में जमा किए है। उसके पास 8250 करोड़ रुपये हैं। पार्टी के बैंक खाते में 6,000 करोड़ रुपये हैं। वह केंद्र सरकार की कैबिनेट में शीर्ष मंत्री हैं। ऐसे में भाजपा उन्हें प्रायोजित क्यों नहीं कर सकती?
मोदी सरकार में दो बार मंत्री रहीं सीतारमण
बता दें, निर्मला सीतारमण अभी राज्यसभा सांसद हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों कार्यकाल में मंत्री रही हैं और दोनों बार राज्यसभा के ज़रिए ही संसद में पहुंची हैं। भाजपा इस बार राज्यसभा के ज़रिए संसद पहुंचे अपने मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़ा रही है।
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