हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक दिलचस्प कहानी है फिल्म Bajrang Aur Ali

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Mumbai: फिल्में हमारे समाज का आईना होती हैं यह हमारे समाज की कुरीतियों पर कटाक्ष करती हैं और समाज में बदलाव लाने की कोशिश करती हैं, इस कड़ी में ऐसी ही एक फिल्म रिलीज हुई है, जो दोस्ती और धर्म की अनोखी दास्तां को बयां करती है जी हां, हम बात कर रहे है फिल्म Bajrang Aur Ali  के बारे में जिसमें हिन्दू-मुस्लिम दोस्ती की एक मिसाल कायम की गई है।

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक दिलचस्प कहानी 

दरअसल, इस फिल्म की कहानी Bajrang Aur Ali  नाम के दो लड़कों के ईद-गिर्द घूमती है, जो अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन हमेशा एक-दूसरे के लिए चट्टान की तरह खड़े रहते हैं। उन दोनों के लिए दोस्ती से बढ़कर कुछ भी नहीं है, यहां तक ​​कि उनका अपना धर्म भी नहीं, जिस पर वे विश्वास करते हैं। बता दें, इस फिल्म ने हमारे देश की बहुचर्चित गंगा-जमुनी ‘तहजीब’ को खूबसूरती से पेश किया है।

बता दें, उनकी दोस्ती का रिश्ता इतना गहरा है कि, वो एक-दूसरे के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने के लिए भी तैयार हैं। फिल्म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, हालात बदलने लगते हैं और सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने के चलते दोनों के बीच गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं, जिसके चलते उनके रिश्ते में दरार आ जाती है।

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गौरतलब है कि, इस फिल्म के जयवीर ने बजरंग का किरदार निभाया है। दिलचस्प बात यह है कि वो फिल्म के लेखक और निर्देशक भी हैं। साथ ही उन्होंने फिल्म के लिए काफी मेहनत भी की है, जो पर्दे पर साफ नजर आ रही है। वहीं अली के किरदार में सचिन पारिख हैं। दोनों ने इस फिल्म में शानदार प्रदर्शन किया है और अपनी दमदार एक्टिंग से फिल्म की कहानी में जान डाल दी है। Bajrang Aur Ali  फिल्म लोगों को धर्म से ऊपर उठकर मानवता में विश्वास करना सिखाती है। यह फिल्म मानवीय मूल्यों और मानवीय भावनाओं का सम्मान करना सिखाती है, जो आज की दुनिया में किसी भी चीज से ज्यादा जरूरी है। हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की यह भावनात्मक कहानी आपके दिल को छू जाएगी।

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