नई दिल्लीः वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी का व्रत एवं पूजन किया जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की आराधना होती है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से भक्त को सभी मोह से मुक्ति मिल जाती है और उसके सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि पड़ती है।
हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन में निकले अमृत से उपजे विवाद के समाधान के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर राक्षसों को अपने मोहपाश में बांध लिया था। एकादशी तिथि का हिंदू मान्यताओं में विशेष महत्व है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने वाले भक्त को प्रातःकाल घर की साफ-सफाई के बाद स्नानादि से निवृत्त हो कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद घर पर ही मंदिर में पीले रंग का आसन बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
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भगवान विष्णु को पीला वस्त्र अर्पित करें और उन्हें पीले चंदन से तिलक लगायें और पीले फूल, फल भी चढ़ायें। भगवान को पंचामृत, तुलसी, धूप, दीप भी अर्पित करें। इसके बाद मोहिनी एकादशी व्रत की कथा जरूर श्रवण करें और फिर भगवान विष्णु की आरती करें। तत्पश्चात भगवान को चढ़ाया गया भोग अपने परिवार के सदस्यों में बांट दें।