Tuesday, November 26, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ी राजभाषा को स्कूलों में पढ़ाई का जरिया बनाने पर दे रहें...

छत्तीसगढ़ी राजभाषा को स्कूलों में पढ़ाई का जरिया बनाने पर दे रहें जोर : नंद कुमार शुक्ल

World Mother Language Day: छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संस्थापक नंद किशोर शुक्ल आज यानी 21 फरवरी को विश्व मातृभाषा दिवस पर के मौके पर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा को स्कूली शिक्षा का माध्यम बनाने के अभियान में जुट गये। नंद किशोर शुक्ल विश्व मातृभाषा दिवस के मौके पर दो दिवसीय सत्याग्रह पर बैठ गए हैं। आजाद चौक में गांधी प्रतिमा के नीचे उन्होंने अकेले ही सत्याग्रह शुरू कर दिया है। वे समय-समय पर जन-जागरण और पदयात्रा भी करते रहते हैं।

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मातृभाषा में ही कराने पर दे रहे जोर 

दरअसल नंदकिशोर शुक्ल का कहना है कि, मातृभाषा को तभी बचाया जा सकता है। जब उसमें पढ़ाई-लिखाई हो। बच्चों  का तेज मानसिक विकास भी मातृभाषा में ही संभव है। इसलिए पूरे विश्व में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा मातृभाषा में ही कराने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि, प्रदेश में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा मिले 16 साल हो गए हैं, लेकिन अब तक यह सरकारी कामकाज की भाषा नहीं बन पाई है। छत्तीसगढ़ी भाषा स्कूलों में भी पढ़ाई का जरिया नहीं बन सकी है।

ये भी पढ़ें: मान गए बिलावल, शहबाज संभालेंगे पाकिस्तान की कमान, जरदारी होंगे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 

पारंपरिक वेशभूषा में रहते है नंद कुमार शुक्ल

नंद कुमार शुक्ल ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में ही रहते हैं। एक हाथ में लाठी रखे हुए, सर पर बंधे कपड़ों पर छत्तीसगढ़ी लिखा हुआ।इसी वेशभूषा में रहकर शुक्ल छत्तीसगढ़ी की लगाई लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संस्थापक नंद किशोर शुक्ल का कहना है कि “शिक्षा से विकास के द्वार खुलते है। शिक्षा माध्यम छत्तीसगढ़ी होना चाहिए। लेकिन मानसिकता की बात है। अंग्रेजी की तरह हिंदी को मातृभाषा की जगह प्रयुक्त किया जा रहा है। होना यह चाहिए की त्रिभाषा सूत्र लागू किया जाए”।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें