रायपुर: छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत राजिम वाले की शिकायत के आधार पर 28 फार्मासिस्टों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया है। पुलिस ने इन 28 लोगों में से करीब एक दर्जन लोगों को हिरासत में भी ले लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।
तेलीबांधा पुलिस से बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री के आधार पर छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराने वाले 28 फार्मासिस्टों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इस संबंध में काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. श्रीकांत राजिम वाले ने प्रदेश भर के 62 लोगों की शिकायत तेलीबांधा थाने में नवंबर 2022 में की थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले कथित फार्मासिस्ट शामिल हैं। पुलिस के अनुसार रजिस्ट्रेशन के बाद यह मेडिकल दुकानों में लाइसेंस बेच देते हैं और इसके एवज में इन्हें मोटी रकम मिलती है। मेडिकल स्टोर का लाइसेंस देने ड्रग इंस्पेक्टरों और अधिकारियों की सेटिंग से वे अपना लाइसेंस किराये पर दे देते हैं, जिससे इन्हें सालाना बिना काम किए अच्छी खासी कमाई हो जाती है।
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प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इन 28 लोगों में से करीब एक दर्जन लोगों को हिरासत में भी ले लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें रमाकांत निषाद, खकन कुमार विश्वास, शीतल कुमार, सोनी मिश्रा, पवन रूंचदानी, राजनांदगांव, श्वेता विश्वकर्मा, छुट्टन विश्वास, सूरज कुमार, रूखसार खातून, तुला रात साहू, ममता अग्रवाल, रजनी यादव, चंद्रेश कुमार साहू, दामेश्वर कुमार साहू, बाजू राम ओयम, मनोज कुमार चक्रधारी, रोशन साहू, संजय कुशवाहा, अनुदिव्या टांडिया, रविंद्र कुमार साहू, राधिका साहू, खेम लाल धीवर, रमेश साहू, रविंद्र कुमार, फूलचंद, द्वारिका प्रसाद वर्मा, अनामिका गुप्ता सहित अन्य के नाम शामिल हैं।
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