नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए भ्रामक विज्ञापन के मामले में 45 Coaching Centres को नोटिस जारी किया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीसीपीए ने 19 कोचिंग संस्थानों पर 61,60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उन्हें भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार बंद करने का निर्देश दिया है।
Coaching Centres पर क्यों हो रही सख्ती
उन्होंने बताया कि सीसीपीए ने 13 नवंबर को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024 जारी किए हैं, ताकि Coaching Centres को वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए झूठे या भ्रामक दावे और विज्ञापन करने और भ्रामक या अनुचित व्यवहार में लिप्त होने से रोका जा सके। वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता मामले विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से यूपीएससी सिविल सेवा, आईआईटी और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में दाखिला लेने वाले छात्रों और उम्मीदवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्री-लिटिगेशन चरण में सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया है।
जनता और उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए बना नियम
विभिन्न Coaching Centres द्वारा अनुचित व्यवहार, विशेषकर छात्रों और अभ्यर्थियों की नामांकन फीस वापस न करने के संबंध में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दर्ज की गई कई शिकायतों के बाद, एनसीएच ने प्रभावित छात्रों को कुल 1.15 करोड़ रुपये की राशि वापस करने की सुविधा प्रदान करने के लिए मिशन-मोड पर इन शिकायतों को हल करने के लिए एक अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता मामले विभाग प्रगतिशील कानून बनाकर उपभोक्ता संरक्षण और उपभोक्ताओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रहा है। वैश्वीकरण, प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स बाजार आदि के नए युग में उपभोक्ता संरक्षण को नियंत्रित करने वाले ढांचे को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को निरस्त कर दिया गया और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू किया गया।
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उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 10 के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना की गई है, जो जनता और उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं, ताकि उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा दिया जा सके, उनकी रक्षा की जा सके और उन्हें लागू किया जा सके।
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