मुंबई: पैनगंगा, पूर्णा और कयाधु नदियों पर उच्च स्तरीय बांधों और विदर्भ, मराठवाडा को जोड़ने वाले 16 पुलों को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में इन कामों को अनुमति प्रदान की गई।
उर्ध्व पैनगंगा परियोजना इसापुर बांध से निम्म पैनगंगा परियोजना के जलमग्न क्षेत्र तक कुल 7 बांध प्रस्तावित हैं और यदि ये 7 बांध पूरे हो जाते हैं तो 10 हजार 610 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र बनाने में मदद मिलेगी। इससे नांदेड़ और यवतमाल जिले की आदिवासी तहसीलों की सिंचाई और दोनों जिलों के लगभग 100 गांवों के पीने के पानी की समस्या का समाधान निकालने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को एक महीने में राज्य स्तरीय तकनीकी समिति से स्वीकृति लेने का निर्देश मुख्यमंत्री शिंदे ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया है। इस परियोजना से विदर्भ के पुसद, उमरखेड़, महागांव तहसीलों को लाभ होगा और मराठवाडा के कलमनुरी, हडगांव, हिमायतनगर, माहुर, किनवट क्षेत्रों को फायदा होगा।
पूर्णा नदी पर पोटा, जोडपरली, पिंपलगांव कुटे, ममदापुर में चार बांधों के निर्माण की तकनीकी स्वीकृति मिल गई है। इससे हिंगोली और परभणी जिलों के कई गांवों को लाभ होगा। इससे 5600 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के दायरे में आने की जानकारी दी गई। कयाधू नदी पर 12 बांध प्रस्तावित हैं और उनमें से लगभग नौ बांधों पर जल संरक्षण विभाग के माध्यम से कार्य किया जा चुका है। आज हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री शिंदे ने इस परियोजना के कामों को गति देने का निर्देश दिया।
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विदर्भ – मराठवाडा को जोड़ने वाले इन 16 पुलों के कामों को इस अवसर पर मंजूरी दी गई। इसलिए यवतमाल, नांदेड व हिंगोली जिलों के गांव इन पुलों के कारण जुड़ जाएंगे। इस क्षेत्र के गन्ना और हल्दी उत्पादक किसानों को इन पुलों के कारण कम से कम 40 किलोमीटर की यात्रा की बचत होगी और कच्चे माल की प्रक्रिया करने वाले उद्योगों के स्थापित होने में मदद मिलेगी। नांदेड़ सहित यवतमाल जिले के गांवों को पेयजल और सिंचाई के लिए लाभदायक इस परियोजना को मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी। यह बैठक सांसद हेमंत पाटिल की पहल पर आयोजित की गई थी। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सौनिक, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कपूर, लोक निर्माण विभाग के सचिव सदाशिव सोलंके, कार्यकारी निदेशक गोदावरी खोरे विकास महामंडल संतोष तिरमनवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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