Amla Navami: अक्षय नवमी पर आखिर क्यों होती है आंवले के पेड़ की पूजा, जानें इसका महत्व

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नई दिल्लीः हिन्दू धर्म में कई वृक्षों को पूजनीय माना गया है। इन्हीं में से एक है आंवला। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय या आंवला नवमी के नाम से जाता है। अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा कर उसी के नीचे भोजन करने का विधान है। आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार आंवला नवमी का पर्व दो नवम्बर (बुधवार) को मनाया जाएगा।

आंवला नवमी के दिन पूजा करने से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी
मान्यता है कि इस दिन इनकी पूजा से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन गरीबों को दिया दान कभी क्षय नहीं होता। यदि संभव हो तो कल के दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र, पैसा इत्यादि दान देना चाहिए, माता लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है। मान्यता है कि इस दिन द्वापर युग का आरंभ हुआ था। आयुर्वेद के अनुसार भी आंवला सेहत के लिए वरदान है। इसके नियमित सेवन से आयु बढ़ती है और बीमारियों से रक्षा होती है। पीपल, तुलसी की तरह ही आंवला भी पूजनीय और पवित्र माना गया है। 

आंवला नवमी का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि एक नवंबर की रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर दो नवंबर 2022 को रात 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। दिव्य कार्तिक मास श्री हरि की आराधना को समर्पित माना जाता है। इस माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ही अक्षय नवमी कहा जाता है। पर्व पर गंगा स्नान और अन्नदान के साथ आंवला के वृक्ष के नीचे भोजन करने से अनंत फल प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस दिन दिया दान पूर्ण अक्षय हो जाता है। आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को प्रिय है।

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आंवला नवमी का महत्व
पद्मपुराण के अनुसार आंवले का वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप माना गया है। कहते हैं आंवला नवमी के दिन इसकी पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु,ऊपर ब्रह्मा, स्कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, पत्तों में वसु, फूलों में मरुद्गण और फलों में प्रजापति का वास होता है। इसकी उपासना करने वाले व्यक्ति को धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से संबंधित समस्या खत्म हो जाती है। आंवले की पूजा करने से गौ दान करने के समान पुण्य मिलता है। सुख-समृद्धि और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अक्षय नवमी का दिन बहुत उत्तम फलदायी माना गया है।

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