लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं और पारा चढ़ रहा है। जनता परेशान है लेकिन भाजपा सरकार की संवेदनहीनता की हद यह है कि वह बिजली संकट को दूर करने की दिशा में कुछ नहीं कर रही है। राजधानी लखनऊ में ही जब बार-बार बिजली गायब होने लगी है तो अन्य जिलों के हालात के बारे में क्या कहा जाए?
उन्होंने कहा कि बिजली विभाग जनता को लूटने का काम कर रहा है। जनता से गलत रीडिंग भेजकर खपत से ज्यादा बिल वसूल करते हैं, जब लोग शिकायत करते हैं तो जांच के नाम पर शिकायतकर्ता को परेशान करने के हथकंडे अपनाते हैं। श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट से व्यापारी परेशान हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। किसान की फसल बर्बाद हो रही है। घर में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और महिलाओं को होती है। जब घर में बिजली ही नहीं है तो कूलर और एसी कैसे चलायें? ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती एक बड़ी समस्या बन गई है। इस समय खेतों में मक्के की फसल खड़ी है। इसमें पानी की बहुत जरूरत होती है लेकिन बिजली दो-तीन घंटे ही आती है। हर साल बढ़ती गर्मी के साथ अघोषित बिजली कटौती भाजपा सरकार की विशेषता है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने छह साल के कार्यकाल में सिर्फ एक ही काम किया है या तो समाजवादी सरकार के कामों पर अपना नाम छापना या उन्हें नष्ट करना। बिजली संकट से उबरने के लिए समाजवादी सरकार ने नए बिजलीघर बनवाए, लाइन लॉस कम किए, भूमिगत केबल बिछाई, तय समय में ट्रांसफार्मर बदलने का नियम बनाया और सौर ऊर्जा का क्षेत्र भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने पूरे कार्यकाल में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया। मुख्यमंत्री अपने शासनकाल की तथाकथित उपलब्धियों को विश्वस्तरीय बताते रहते हैं, दूसरे राज्यों में जाते हैं और हवाई दावे करते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यक्रमों में भी बिजली गुल होने पर उनकी पोल खुल जाती है।
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