Thursday, November 28, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशविहिप संरक्षक बोले-बहुआयामी व्यक्तित्व के साथ लेखनी के धनी थे वीरेश्वर द्विवेदी

विहिप संरक्षक बोले-बहुआयामी व्यक्तित्व के साथ लेखनी के धनी थे वीरेश्वर द्विवेदी

lucknow-news

लखनऊः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अवध प्रांत द्वारा राष्ट्रधर्म पत्रिका के पूर्व संपादक एवं विश्व हिंदू परिषद के पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे संघ के वरिष्ठ प्रचारक वीरेश्वर द्विवेदी की श्रद्धांजलि सभा सीएमएस गोमती नगर में आयोजित की गई। श्रद्धांजलि सभा में अपने विचार व्यक्त करते हुए विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक बड़े दिनेश ने कहा कि वीरेश्वर गरीबी में भी सहज थे। संगठन के प्रति उनमें अद्भुत निष्ठा थी। मुझे उनके जीवन में समर्पण की पराकाष्ठा महसूस हुई। समाज में उनके व्यापक संपर्क थे। अशोक सिंघल के आग्रह पर वे श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान मीडिया का काम देखने के लिए दिल्ली में रहने लगे। जब भी उन्हें कोई जिम्मेदारी मिली, उन्होंने उसका निष्ठापूर्वक निर्वहन किया। मैंने उन्हें राष्ट्र धर्म के कक्ष से लेकर दिल्ली में विहिप कार्यालय तक देखा है।

उन्होंने कभी भी अपनी निजी समस्याओं के बारे में नहीं बताया। बीमार होने पर भी वे नियमित रूप से शाखा जाते थे। वह कार्यकर्ताओं के प्रति समर्पित थे। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी और लेखन के धनी थे। वह आसानी से ग़लत को ग़लत और सही को सही कह देते थे। वीरेश्वर द्विवेदी ने अपनी आखिरी कलम से राष्ट्रधर्म की जो कविता लिखी है, उसमें उन्होंने डॉ. हेडगेवार से लेकर डॉ. मोहन भागवत तक का पूरा इतिहास लिखा है। वह कविता हर किसी को पढ़नी चाहिए।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, ’वीरेश्वर द्विवेदी से मेरा परिचय छात्र जीवन के दौरान हुआ था। वह मेरे पिता के मित्र थे। उनको कई बार राष्ट्रधर्म की छत पर चिलचिलाती गर्मी में टिन शेड में काम करते देखा गया है। मंदिर आंदोलन के दौरान हमने उनका महत्वपूर्ण योगदान देखा। वे अटल बिहारी बाजपेई के चुनावों में समन्वय का काम करते थे। मैं और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी दोनों उनके साथ काम करते थे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वीरेश्वर द्विवेदी की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा, ’वह सदैव हमारे मन पर अंकित रहेंगे। आज हम सभी को उनके संघर्ष के दिन याद हैं। उनमें कार्यकर्ताओं का सम्मान करने का अद्भुत गुण था। वह दिल्ली से मजदूरों की वकालत करने आते थे।”

प्रांत प्रचारक कौशल ने कहा, ’’ वीरेश्वर द्विवेदी का संपर्क सैकड़ों परिवारों से था। दिल्ली से लखनऊ आने के बाद वे लगभग हर दिन परिवारों से मिलते थे और बीमारी में भी स्वयंसेवकों की देखभाल करना उनकी प्राथमिकता थी। वीरेश्वर जी को याद करते हुए उनके पुराने मित्र डॉ. देवदत्त शर्मा ने उन दिनों को याद किया जब देश में आपातकाल लगा था और वह मेरे घर पर राजाराम शर्मा छद्म नाम से रह रहे थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो राजशरण शाही ने कहा कि वीरेश्वर द्विवेदी अपने आप में एक संस्था थे। छात्र संघ के अध्यक्ष से लेकर संगठन के मिशन लीडर बनने तक उन्होंने जो कार्य किया वह प्रेरणादायक है। उनकी रचनाएँ भावनाओं से भरी हैं। उनमें अव्यक्त को अभिव्यक्त करने की अद्भुत क्षमता थी।

ये भी पढ़ें..Raebareli: छेड़छाड़ से आहत किशोरी ने लगाई फांसी, पुलिस पर लापरवाही का आरोप

विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री हरेंद्र प्रताप ने वीरेश्वर द्विवेदी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ’’1978 में वे पटना से आगरा आए और वहां से जाने के लिए ट्रेन में उनसे हमारी पहली मुलाकात हुई। उस वक्त हमारे साथ आज के केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी थे। उस पहली मुलाकात में ही उनका व्यक्तित्व बेहद प्रभावशाली लगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने वीरेश्वर द्विवेदी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में विहिप की केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी ताई, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री दयाशंकर सिंह, विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह, राष्ट्रधर्म के संपादक ओम प्रकाश पांडे, भाजपा के प्रदेश महासचिव और एमएलसी अनूप गुप्ता, साहित्य परिषद के संयुक्त मंत्री पवनपुत्र बादल, प्रांत संपर्क प्रमुख गंगा सिंह, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे और प्रशांत भाटिया प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें