लखनऊः गर्मी के मौसम ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। चिलचिलाती धूप और बढ़े हुए तापमान का हमारे शरीर पर कई प्रकार से प्रभाव पड़ता है। इस मौसम में शरीर से सबसे ज्यादा पसीना निकलता है। इसके अलावा अन्य तरल पदार्थों के शरीर से बहुत अधिक मात्रा में बाहर निकलने के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा हो सकती है। डिहाइड्रेशन होने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कभी-कभी यह जानलेवा भी साबित होता है। ऐसे में डिहाइड्रेशन से बचना जरूरी होता है।
इसको लेकर इंडिया पब्लिक खबर के संवाददाता पवन सिंह चौहान ने केजीएमयू की न्यूट्रीशियन एंड डायटीशियन डॉ. सुनीता सक्सेना से डिहाइड्रेशन होने, उसके खतरों व बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बातचीत की। डॉ. सुनीता के अनुसार डिहाइड्रेशन तब होता है, जब आपके शरीर में पर्याप्त पानी की मात्रा नहीं होती है। पर्याप्त पानी के बिना आपका शरीर ठीक से काम करना बंद कर देता है। आपके शरीर से कितना तरल पदार्थ गायब है, इसके आधार पर आपको हल्का, मध्यम या गंभीर डिहाइड्रेशन हो सकता है। गंभीर डिहाईड्रेशन एक चिकित्सा आपात स्थिति है और इसका तुरंत इलाज करने की आवश्यकता होती है। डॉ. सुनीता ने बताया कि डिहाईड्रेशन से बचने के लिए घर से निकलते समय अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। इस सीजन में पर्याप्त पानी के अलावा नींबू पानी, नारियल पानी, मट्ठा, छाछ का सेवन करते रहने से शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाएगी।
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इसके अलावा अगर साफ-सफाई से गन्ने का जूस, शिकंजी, बेल का जूस, आम का पना आदि भी मिले तो सेवन करना चाहिए, यह भी गर्मी के सीजन में बहुत लाभदायक होते हैं। इन तरल पदार्थ के समान ही उन फलों का सेवन भी किया जा सकता है, जिनमें भरपूर मात्रा में पानी होता है। तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी आदि ऐसे ही फल है, जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते हैं। इन सबके अलावा हर घंटे 150 से 200 एमएल पानी जरूर पीते रहना चाहिए। पसीना, सांस, पेशाब, शौच, आंसू और लार के माध्यम से हर दिन आपके शरीर से पानी की काफी मात्रा निकलती है। आमतौर पर आप खोए हुए तरल पदार्थ को तरल पदार्थ पीकर और पानी युक्त खाद्य पदार्थ खाकर बदलते हैं। यदि आप बहुत अधिक पानी खो देते हैं या पर्याप्त नहीं पीते हैं, तो आप डिहाईड्रेशन का शिकार हो सकते हैं। बुखार होने पर, दस्त का शिकार होने पर या उल्टी करने पर आपका शरीर सामान्य से अधिक पानी निकाल देता है। इसी तरह उल्टी करने व बहुत अधिक पसीना आने या बार-बार पेशाब के लिए जाने पर भी शरीर से सामान्य से अधिक पानी निकल जाता है।
जूस शरीर के लिए होता है फायदेमंद
गर्मी के दिनों में बिकने गन्ने, बेल के जूस, शिकंजी, आम के पना शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है। हालांकि, इन जूस को पीने से पहले देख लेना चाहिए कि साफ-सफाई का ख्याल कितना रखा गया है। कहीं रखा हुआ जूस तो आपको नहीं दिया जा रहा। कहीं जूस में मक्खियां तो नहीं भिनभिना रही हैं। अगर आप दूषित जूस का सेवन करते हैं, तो फायदा के बजाय यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
हल्के या मध्यम डिहाईड्रेशन के लक्षण
- प्यास
- गहरा पीला पेशाब
- सूखी, ठंडी त्वचा
- सूखा या चिपचिपा मुंह
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- बहुत ज्यादा पेशाब नहीं करना
गंभीर डिहाईड्रेशन के संकेत
- पेशाब न आना या बहुत गहरे पीले रंग का पेशाब होना
- बहुत रूखी त्वचा
- चक्कर आना
- तेज धड़कन
- तेजी से सांस लेने की जरूरत
- धंसी हुई आंखें
- नींद आना, ऊर्जा की कमी, भ्रम या चिड़चिड़ापन
- बेहोशी
- शिशुओं और छोटे बच्चों में लक्षण
- मुंह और जीभ सूखना
- रोते समय आंसू नहीं गिरना
- डायपर तीन घंटे तक गीला न करें
- धंसी हुई आंखें, गाल, खोपड़ी के शीर्ष पर कोमल स्थान
- उनींदापन, ऊर्जा की कमी या चिड़चिड़ापन
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