नई दिल्लीः अगर आप 30 मार्च के बाद सोना व उससे बने गहने खरीदने या बेचने जा रहे हैं तो यह खबर आपके के लिए बेहद जरूरी है। दरअसल केंद्र सरकार ने सोना और ज्वैलरी खरीदने और बेचने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क की ज्वैलरी (Jewellery without Hallmark) मान्य नहीं होगी। यानी गोल्ड हॉलमार्क (Gold Hallmarking) अब पूरे देश में अनिवार्य हो जाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) वाले सोने के गहने और ज्वैलरी को नहीं बेचा जा सकेगा।
उपभोक्ता मामले के विभाग ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच 4 डिजिट और 6 डिजिट हॉलमार्किंग को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है। नए नियम लागू होने के बाद 1 अप्रैल 2023 से सिर्फ 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे। इसके बिना सोना या उससे बने आभूषण नहीं बिकेंगे।
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बता दें कि सरकार ने करीब दो साल पहले सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की कवायद शुरू की थी। सरकार इस बार हॉल मार्किंग की समय सीमा बढ़ाने के मूड में नहीं है। माना जा रहा है कि हॉल मार्किंग की अनिवार्यता लागू होने के बाद सोने के आभूषण और सोने के आभूषणों के कारोबार में उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की आशंका समाप्त हो जाएगी।
दो पहले बना था नियम
गोल्ड ज्वैलरी और गोल्ड ऑर्नामेंट्स की बिक्री के लिए 2019 से ही हॉल मार्किंग को अनिवार्य किया जाना था। देशभर के तमाम ज्वेलर्स संगठनों ने सरकार से ये कहकर राहत की मांग की थी कि उनके पास गोल्ड ज्वैलरी और गोल्ड ऑर्नामेंट्स का जो पहले से तैयार किया हुआ स्टॉक है, उसे खत्म करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए, वरना उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ज्वेलर्स एसोसिएशन की मांग पर हॉल मार्किंग की बाध्यता लागू करने की तारीख पिछले 2 सालों में कई बार बढ़ाई भी गई। अब केंद्र सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि पुराने स्टॉक को निकालने के लिए ज्वेलर्स को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। इसलिए अब इस समय सीमा में आगे कोई विस्तार नहीं किया जाएगा।
गोल्ड हॉल मार्किंग लागू हो जाने के बाद गोल्ड ज्वैलरी पर 6 अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) अनिवार्य हो जाएगा। इससे सोने में मिलावट, उसकी शुद्धता और उसके निर्माता आदि से जुड़ी सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। इसके साथ ही आम उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर देश भर में कहीं भी अपने सोने के गहने को हॉलमार्क में बताई गई शुद्धता के मानक के मुताबिक बेचा या एक्सचेंज किया जा सकेंगा।
अब नहीं चलेगी ज्वैलर्स की मनमानी
गौरतलब है कि अभी तक ज्वैलर्स अपनी बताई गई शुद्धता के अनुसार ही बेचे गए गहनों को ही वापस खरीदते हैं। ज्वैलर्स दूसरे ज्वैलर्स के बनाए गहनों पर डिस्काउंट काट लेते हैं। यानी गहनों की शुद्धता का अपने हिसाब से आंकलन कर उसकी कीमत लगाते हैं।
इससे उपभोक्ताओं को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही इस बात के भी आरोप लगते रहे हैं कि कुछ ज्वेलर कम शुद्धता यानी अधिक मिलावट वाली ज्वैलरी के अधिक शुद्ध होने का दावा कर उपभोक्ताओं को बेच देते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान का सामना करना पड़ता है। हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद अब ज्वेलर्स इस तरह की धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे।
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