ऑटो के 45 अलग स्टैंड चिन्हित, मुख्य मार्गों से हटेंगे ई-रिक्शा

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लखनऊः राजधानी में जाम के झाम से परेशान लोगों को निजात दिलाने के लिए दो अहम कदम उठाए गए हैं। इस फैसले से जाम से कुछ हद तक छुटकारा मिल सकेगा। इसके तहत शहर में ऑटो रिक्शा के 45 अलग स्टैंड चिन्हित किए गए हैं, जबकि मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने का फैसला लिया गया है।

ई-रिक्शा मुख्य मार्गों की जगह अलग-अलग जोन में संचालित किए जाएंगे। नव विकसित इलाकों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले मार्ग पर इनके संचालन की छूट होगी। सवारियां बैठाने और उतारने के लिए ऑटो व ई-रिक्शा चालकों द्वारा कहीं भी वाहन को रोक दिया जाता है। इसके चलते ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या से निजात के लिए जिलाधिकारी ने गुरूवार 18 मई को सिटी ट्रैफिक प्लान बनाने के सम्बंध में हुई बैठक में इन रूटों को मंजूरी दी। दरअसल, शहर में ट्रैफिक चाक-चौबंद करने के लिए अगले 20 साल के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए ट्रैफिक मास्टरप्लान बनेगा। इस सम्बंध में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बैठक में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।

ऑटो के स्टैंड चिन्हित न होने से कुछ जगहों पर अधिक संख्या में ऑटो रुक रहे थे। जैसे चारबाग में ऑटो की भरमार रहती है और अलीगंज या गोमती नगर में ऑटो जल्दी मिलते ही नहीं हैं। ऐसे में अब स्टैंड बन जाने के बाद ऑटो का रूट भी तय हो जाएगा। ऐसे में सभी स्थानों पर यात्रियों को ऑटो मिलेंगे। टीपीनगर आरटीओ कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में 4,343 ऑटो परमिट जारी किए गए हैं। ऑटो स्टैंड का संचालन नगर निगम के सहयोग से किया जाएगा। ऑटो रिक्शा स्टैंड पर तैनात कर्मचारी इसकी व्यवस्था संभालेंगे। इन कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से वर्दी में तैनात किया जाएगा। अवैध रूप से ऑटो न चलें इसकी जिम्मेदारी उस ठहराव स्थल के संचालक की होगी।

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शहर में जाम की बड़ी वजह बने ई-रिक्शा

राजधानी में ई-रिक्शा जाम की बड़ी वजह हैं। शहर में ई-रिक्शा से लगने वाले जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने भी आपत्ति जताई थी। कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने अप्रैल 2022 में जिला सड़क सुरक्षा समिति को आदेश जारी किया था कि जाम और हादसे की वजह बने ई-रिक्शा को फीडर रूट पर चलाया जाए। राजधानी समेत प्रदेश के मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, साल भर पहले दिए गए निर्देश को अब अमल में लाया जा रहा है। केंद्र सरकार की ई-रिक्शा नीति में भी यह स्पष्ट किया गया है कि ई-रिक्शा शहर की कॉलोनियों से मुख्य मार्ग के बीच यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करेंगे, बावजूद इसके ई-रिक्शा मुख्य मार्गों पर ही संचालित हो रहे हैं। बताते चलें कि राजधानी में 52 हजार से अधिक ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। इनमें करीब 25 हजा ऐसे हैं, जिनकी फिटनेस खत्म हो चुकी है। प्रदेश में ई-रिक्शा से हुए सड़क हादसों में अब तक 573 लोगों की जान भी जा चुकी है।

इन मुख्य स्टैंडों पर होगी नजर

-चारबाग में रवीन्द्रालय के पास टाटा मोटर्स से 70 मीटर दूर दो लाइन में
-अमीनाबाद सेंट्रल होटल के नीचे लक्ष्मी पूड़ी के सामने भूमिगत पार्किंग के पास
-चारबाग में पूर्व सेवायोजन कार्यालय मोड़ से मुसाफिरखाना गेट तक खाली जगह
-इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर आदर्श कॉम्प्लेक्स के सामने खाली जमीन पर
-गोल मार्केट चौराहे पर तनिष्क शोरूम के सामने, महानगर ब्वॉयज के पास
-हैनीमैन चौराहे से हुसड़िया मार्ग पर चौराहे से 25 मीटर बाईं पटरी पर
-चिनहट तिराहा से हैनीमैन चौराहा रोड पर किसान यूनियन दफ्तर के आगे बाईं ओर
-अवध चौराहे से 100 मीटर आगे हरदोई रोड पर सुलभ कॉम्प्लेक्स तक
-दुबग्गा चौराहे से एल्डिको कॉम्प्लेक्स से पहले और महिन्द्रा-टाटा शोरूम के पास
-चौक में लोहिया पार्क की बाउंड्री से खुनखुन जी डिग्री कॉलेज तक
-मुंशीपुलिया से टेढ़ी पुलिया जाने वाली सड़क पर बस स्टॉप के आगे

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