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कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना बेहद जरूरी

mental-upset, tense Tension

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना बेहद आवश्यक है। खासकर जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी थी। इन सब से उन्हें भी मानसिक तनाव हो जाता था। उस समय वे रोज सुबह साइकिलिंग, योगा करता थे । योग से उन्हें आराम मिलता था। आज के समय में मानसिक समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

वे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ऐसे समय में आया है जब कोरोना के कारण दैनिक जीवन में काफी बदलाव आया है। इसने बदले में लोगों के बीच विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं को जन्म दिया है।

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कोरोना महामारी का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा

इस मौके पर मनसुख मंडाविया ने यूनिसेफ की स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट 21वीं सदी में बच्चों, किशोरों और देखभाल करने वालों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक व्यापक नज़र डालती है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इस मौके पर हैशटैग अभियान और प्रश्नोत्तरी स्लोगन प्रतियोगिताओं की शुरुआत की गई।

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