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मुख्यमंत्री ने कहा- देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत सहेजन के लिए युवाओं को दें अच्छे संस्कार

MANOHAR LAL

कुरुक्षेत्र: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को सहेजने के लिए युवाओं को अच्छे संस्कार देने होंगे। इस प्रदेश की युवा पीढ़ी को महान संतों और महात्माओं के आदर्शों, जीवन मुल्यों का अनुसरण करना होगा। इस प्रदेश की युवा पीढ़ी के साथ-साथ प्रत्येक वर्ग को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करना होगा। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों में पूरी मानवता का कल्याण निहित है। यह सौभाग्य है कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर ही 5,160 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने मोहग्रस्त अर्जन को गीता के उपदेश दिए थे। यह उपदेश आज भी पूरे विश्व में पूर्णत प्रासंगिक है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को श्री व्यास गौड़ीय मठ संस्थान के प्रांगण में आयोजित गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद का त्रिवर्ष व्यापी 150वां जन्मोत्सव एवं विश्व वैष्णव सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्री व्यास गौड़ीय मठ की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और राधा-कृष्ण मिलन मंदिर में पूजा अर्चना करके राधा के प्रिय तमाल वृक्ष की परिक्रमा की। इसके उपरांत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद की स्मृति में बनने वाले हॉल का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आचार्य श्रील प्रभुपाद के 150वें जन्मोत्सव की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर महान संतों के सानिध्य में गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद के 150वें जन्मोत्सव को मनाना एक सौभाग्य की बात है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को महान संतों के जीवन को जानने का अवसर मिलता है और संस्कृति व विरासत से भी रुबरु होने का मौका मिलता है।

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