नैनीतालः उत्तराखंड के नैनीताल में 10 दिन के भीतर एक किशोरी समेत तीन महिलाओं की जान लेने वाले आदमखोर बाघ (tiger caught) पकड़ने में वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार रात करीब एक बजे विभाग के विशेषज्ञों और कर्मचारियों की टीम ने नौकुचियाताल के जंगलिया गांव के पास जंगल से एक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया। बाघ की उम्र करीब डेढ़ साल बताई जा रही है। इस बाघ को ‘लेडी किलर’ भी कहा जा रहा है।
रात भर चला रेस्क्यू ऑपरेशन
हालांकि पकड़ा गया बाघ नरभक्षी है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इसके लिए उसके डीएनए और मृतक के सैंपल की जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग के विशेषज्ञों ने बाघ के सैंपल ले लिए हैं। जिसे जांच के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजा जाएगा। पकड़े गये बाघ को रेस्क्यू के लिए रानीबाग रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया है।
बताया गया है कि यह सफलता वन विभाग के बड़ौन क्षेत्र के वन क्षेत्राधिकारी नितिन पाट और भवाली के वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी की टीम को रात करीब एक बजे मिली। सुरेंद्र पोखरिया, राकेश कुमार, मनोज कुमार व महेश चंद्र आदि ने बेहोश बाघ को जंगल से पैदल मुख्य मार्ग सेमधार तक पहुंचाया।
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इस सफलता के पीछे नौली तोक निवासी पोखरिया परिवार और राकेश चंद्र पुत्र स्वर्गीय बालम राम, मनोज कुमार पुत्र स्वर्गीय बालम राम और महेश चंद्र पुत्र स्वर्गीय पनीराम आदि का भी योगदान रहा। ग्राम प्रधान राधा कुलियाल ने कहा कि ग्राम पंचायत जंगलियागांव की ओर से जल्द ही इन सभी को इस सहयोग के लिए सम्मानित किया जाएगा।
बाघ के पकड़े जाने के बाद लोगों ने ली राहत की सांस
बाघ के पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन भी राहत की सांस ले रहा है क्योंकि नए साल पर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है। बाघ के आतंक से आम लोग जरूर प्रभावित हुए। पर्यटन पर भी असर पड़ सकता है। साथ ही नरभक्षियों के सक्रिय होने से किसी बड़ी घटना की आशंका भी बनी हुई थी। इसलिए वन विभाग पिछले दो सप्ताह से इसे पकड़ने का प्रयास कर रहा था।
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